लियोनल मेसी की कप्तानी में अर्जेंटीना ने फीफा वर्ल्ड कप जीत लिया है. फाइनल में अर्जेंटीना ने पेनल्टी शूटआउट में फ्रांस को हराकर 36 साल बाद खिताब जीता. हालांकि खिताबी मुकाबले में मेसी के दूसरे गोल पर बवाल मच गया है. फैंस दावा कर रहे हैं कि मेसी के दूसरे गोल को नामंजूर किया जाना चाहिए था.
मेसी ने फाइनल में 2 गोल दागे. उन्होंने 23वें मिनट में गोल करके अर्जेंटीना का खाता खोला. इसके कुछ मिनट बाद ही डि मारिया ने एक और गोल करके अर्जेंटीना की बढ़त को 2-0 कर दिया.
पहले हाफ में फ्रांस पिछड़ गया था, मगर दूसरे हाफ में कीलियन एम्बाप्पे के दम पर फ्रांस ने जोरदार वापसी की. उन्होंने 80 और 81वें मिनट में 2 गोल करके स्कोर बराबर कर दिया और मुकाबले को एक्स्ट्रा टाइम में लेकर चले गए. 108वें मिनट में मेसी ने फिर अपना दम दिखाया और गोल करके अर्जेंटीना को बढ़त दिला दी थी और अब उनके इसी गोल पर बवाल मच गया.
मेसी की फुर्ती से गोल
दरअसल 108वें मिनट में राइट विंग से बने मूव पर अर्जेंटीना के पूरे अटैक ने फ्रांस के बॉक्स में धावा बोल दिया. मार्टिनेस ने करीब से तेज शॉट लगाकर अपनी टीम को बढ़त दिलाने की कोशिश की, मगर फ्रांस के कीपर लॉरिस ने उनके तेज शॉट को रोक दिया. हालांकि गेंद वहीं उछल गई थी और इसी वक्त मेसी ने फुर्ती दिखाई और रिबाउंड गोल कर दिया.
मैदान पर 13 खिलाड़ी
इस गोल को वाइड एंगल से भी देखा गया, जिसके बाद फैंस को लगता है कि मेसी के इस गोल को नामंजूर किया जाना चाहिए था. इस गोल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है, जिसमें अर्जेंटीना के 2 सब्सीट्यूट मेसी के शॉट लगाते समय मैदान के अंदर नजर आए. दरअसल दोनों सब्सीट्यूट ने जश्न मनाने में थोड़ी जल्दबाजी कर दी और उनके इस जश्न का मतलब था कि उस समय अर्जेंटीना की तरफ से 11 नहीं 13 खिलाड़ी मैदान पर थे. एक यूजर ने लिखा कि जब गेंद अंदर गई, उस समय दो सब्सीट्यूट मैदान के अंदर थे.
एम्बाप्पे से मिली बराबर की टक्कर
मेसी के इस गोल से अर्जेंटीना ने बढ़त तो हासिल कर ली, मगर एम्बाप्पे ने उनकी इस बढ़त को ज्यादा देर तक रहने नहीं दिया. पेरेडेज के हैंडबॉल के बाद उन्होंने 118वें मिनट में पेनल्टी स्पॉट से गोल कर दिया. अतिरिक्त समय में भी स्कोर बराबर रहा. इसके बाद मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में गया. जहां मेसी की टीम ने 4-2 से जीत हासिल कर ली.