चम्पावत के लोहाघाट में एवटमाउंट की तर्ज में खगोलीय पर्यटन स्थल विकसित होने जा रहा है। इस नाईट स्काई सेंक्चुरी में पर्यटक दूरबीन की मदद से प्रदूषण मुक्त आकाश में सौर मंडल को देखने के साथ ही अन्य खगोलीय घटनाओं के गवाह बन सकेंगे।
प्रदूषण मुक्त होने के चलते लोहाघाट को चुना
बता दें इसकी संभावनाओं को तलाशने के लिए पर्यटन विभाग ने 16 मई को देशभर के एस्ट्रो,सोलर ऑब्जर्वेशन, लैंडस्केप, स्टार गेजिंग और डीप स्काई ऑब्जर्वेशन के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम को एस्ट्रोवीर सम्मेलन का नाम दिया है। बता दें उच्च पर्वतीय क्षेत्र होने की वजह से एबटमाउंट में रात के अंधेरे में आकाश गंगा समेत अन्य खगोलीय गतिविधियों का अध्ययन करना और देखना बहुत रोमांचक हो सकता है। रात के समय प्रदूषण मुक्त आकाश होने के चलते लोहाघाट को चुना गया है।
एवटमाउंट की तर्ज में खगोलीय पर्यटन होगा विकसित
जबकि अन्य पर्यटन स्थलों में बादल रहित रातों में भी अत्यधिक अप्राकृतिक रोशनी सेआसमान साफ नहीं रहता है। यही वजह है कि लद्दाख के चांगथांग स्थित अभयारण्य हमले के बाद यहां खगोलीय पर्यटन विकसित करने की तैयारी है। इसके लिए तीन दिन तक देश के खगोल विशेषज्ञों के अलावा हीं रहता है। आयोजन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग ने निकॉन कंपनी को दी है।