आदि कैलाश यात्रा चार मई से शुरू हो गई है। लेकिन मौसम के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही बर्फबारी के कारण आदि कैलाश यात्रियों की राह आसान नजर नहीं आ रही है।
मौसम बढ़ा रहा आदि कैलाश यात्रियों कि दिक्कतें
आदि कैलाश यात्रा इस साल चार मई को शुरू हो गई है। लेकिन लगातार खराब हो रहे मौसम को देखते हुए इस बार यात्रियों की दिक्कतें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। लागातर हो रही बर्फबारी के कारण रास्तों में बर्फ जमी हुई है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र कुटी से ज्योलिंकांग के बीच सड़क पर ग्लेशियर आए हैं। जिन्हें अब तक बीआरओ हटा नहीं सका है। लगातार मौसम बिगड़ने से और ज्यादा परेशानी हो रही है। अगर मौसम साफ भी रहता है तो इस बर्फ को हटाने में एक हफ्ते का समय लग सकता है।
चार मई से शुरू हुई थी आदि कैलाश यात्रा
इस बार कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से चार मई आदि कैलाश यात्रा शुरू कर दी गई है। लेकिन अब तक कोई भी आदि कैलाश में दर्शन नहीं कर पाया है। पहले ये यात्रा कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ ही एक जून से शुरू होती थी। तब तक उच्च हिमालय के अधिकतर क्षेत्रों में भी बर्फ पिघल जाती थी।
बेमौसमी बर्फबारी कर रही परेशान
इस बार यात्रा को जल्दी शुरू कर दिया गया है जिससे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस साल जनवरी-फरवरी के महीने में सीमांत जिले पिथौरागढ़ में मौसम साफ रहा और बारिश नहीं हुई। लेकिन अब बेमौसमी बारिश और बर्फबारी हो रही है। जिसके चलते उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बिना दर्शन के ही लौट रहे यात्री
मौसम की इस बेरुखी के कारण यात्रियों को बगैर दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ रहा है। यात्रा के लिए गए पहले दल दल के 19 यात्रियों को बिना आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किए ही लौटना पड़ा। जिससे यात्रियों में निराशा है।
जिसके बाद दर्शन के लिए गए दूसरे दल के 12 यात्री भी ओम पर्वत के दर्शन कर ही वापस लौट गए हैं। हालांकि आदि कैलाश यात्रा के दूसरे दल के 12 यात्री ओम पर्वत के दर्शन के बाद कुटी से आगे बंद हुए रास्ते को देखने गए। यात्री आगे का रास्ता बर्फबारी के बाद से बंद होने के कारण वापस लौट आए।