भारतीय ज्योतिष और वास्तु नियमों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपनी दिनचर्या में कुछ आवश्यक नियमों का पालन नहीं करता है तो उसे कई तरह के नुकसान उठाने पड़ते हैं। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक के कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना आपके लिए फायदेमंद है। अगर आप इन नियमों की अनदेखी करते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र, वास्तु और हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार दक्षिण या पूर्व की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। इस दिशा में पैर करके सोने से शारीरिक और मानसिक परेशानी होती है। आइए जानते हैं कि दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर पैर करके सोने से क्या-क्या नुकसान होते हैं।
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा को कई कारणों से शुभ नहीं माना जाता है। दक्षिणमुखी घर भी शुभ नहीं होते हैं। दक्षिण दिशा की ओर पैर करके कभी न सोएं। दरअसल, मृत व्यक्ति के पैर दक्षिण दिशा में और सिर उत्तर दिशा में रखकर रखा जाता है। इस पोजिशन से उनकी सारी एनर्जी खत्म हो जाती है। वहीं दूसरी ओर इस दिशा में यम, यमदूत और बुरी आत्माएं रहती हैं।
2. दक्षिण दिशा में पैर रखने से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा कम होने लगती है। सुबह थकान महसूस होना। यही स्थिति बनी रहे तो व्यक्ति में निराशावादी भाव उत्पन्न होते हैं। वास्तव में, वैज्ञानिक कारण बताते हैं कि चुंबकीय प्रवाह पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी दोनों ध्रुवों में मौजूद है। चुंबकीय प्रवाह मानव ऊर्जा को नष्ट करने का काम करता है। दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से स्मृति हानि, मृत्यु का भय और रोगों का भय रहता है।
3. वास्तु शास्त्र के अनुसार मनुष्य को पूर्व दिशा यानी सूर्योदय की दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए। पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है। पूर्व की ओर पैर करके सोना सूर्य देव का अपमान है। साथ ही पश्चिम की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए। इसका शरीर पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
4. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दक्षिण या पूर्व दिशा में पैर करके सोने से व्यक्ति के जीवन में निराशा, भय, आलस्य, बुरे सपने जैसे नकारात्मक विचार आते हैं।
5. मंगल दक्षिण दिशा में है। मंगल क्रूर ग्रह है। इस दिशा में पैर करके सोने से मंगल दोष की संभावना बनती है।
दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और कानों में हवा भर जाती है। इसलिए दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए।