प्रदेश में सरकारी जमीनों से कब्जा हटाने का अभियान चल रहा है। इसी बीच बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश में हरिद्वार और नैनीताल में सबसे ज्यादा सरकारी जमीनों पर कब्जे हुए हैं।
हरिद्वार और नैनीताल में हुए सबसे ज्यादा कब्जे
प्रदेश में सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने का अभियान चल रहा है। सीएम धामी ने भी सरकारी जमीनों पर कब्जे हटाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद तेजी से अभियान चलाया जा रहा है। इसी बीच बड़ा खुलासा हुआ है। प्रदेश में हरिद्वार और नैनीताल में सबसे ज्यादा सरकारी जमीनों पर कब्जे हुए हैं।
प्रदेश में सरकारी जमीनों पर हैं 3793 कब्जे
प्रदेश में सरकारी जमीनों पर 3793 कब्जे चिह्नित किए गए हैं। जिनमें से सबसे आधे से भी ज्यादा 2600 कब्जे नैनीताल और हरिद्वार में ही किए गए हैं। सरकारी जमीनों से अब तक 1288 कब्जे हटाकर उन्हें कब्जा मुक्त कराया गया है।
सीएम धामी ने दिए थे कब्जे हटाने के निर्देश
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 29 अप्रैल को सरकारी जमीनों से कब्जा हटाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद सरकारी जमीनों से कब्जा हटाने का अभियान शुरू किया गया। सीएम ने इसके लिए नोडल अफसर एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन को बनाया था।
सभी जिलों के डीएम नोडल अधिकारी को दे रहे रिपोर्ट
सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट नोडल अफसर को ही दे रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में सात मई तक अवैध कब्जों की सूची तैयार की गई है। जिसमें विकास प्राधिकरण, नगर निकाय, वन विभाग, ग्राम पंचायतों आदि के कब्जों को चिह्नित किया जा रहा है।
अवैध कब्जों में नैनीताल पहले नंबर पर
प्रदेश में अवैध कब्जों में नैनीताल पहले नंबर पर है। यहां पर सबसे ज्यादा 1433 अवैध कब्जे चिह्नित किए गए हैं। जबकि दूसरे नंबर पर हरिद्वार है। जहां पर 1149 कब्जे हैं। तीसरे नंबर पर चमोली है जहां पर 423 अवैध कब्जे हैं। इसके साथ ही राजधानी दून की बात करें तो यहां पर 37 कब्जों के लिए लोगों को नोटिस भेजे गए हैं।