गोमुखासन भी योग के विभिन्न आसनों में से एक है। इस योगासन को हठ योग की श्रेणी में गिना जाता है। गोमुखासन को काउ फेस पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह दो शब्दों गाय और मुख से मिलकर बना है। गौ का अर्थ है गाय और मुख का अर्थ है चेहरा। इस आसन को करते समय जांघें और दोनों हाथ एक सिरे से पतले और दूसरे सिरे से चौड़े दिखाई देते हैं, जो गाय के मुंह जैसा दिखाई देता है। यही कारण है कि इस आसन को गोमुखासन कहा जाता है। इस आसन को करने में व्यक्ति की स्थिति गाय जैसी दिखाई देती है। गोमुखासन महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। वजन कम करने और शरीर को सुंदर बनाने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद होता है। गोमुखासन हमारे कंधों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। गोमुखासन की ओर भी लाभ होता है।
अस्थमा के लिए
यह फेफड़ों के लिए बहुत अच्छा योगासन है और सांस की बीमारियों में मदद करता है। यह छाती को मजबूत करता है और फेफड़ों की सफाई करते हुए उसकी क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए दमा के रोगियों को इस आसन का नियमित अभ्यास करना चाहिए।
मांसपेशियों में मजबूती
रोजाना योग का अभ्यास करने से शरीर ही नहीं बल्कि मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर इस संबंध में एक शोध पत्र भी प्रकाशित किया गया है। बताया गया है कि 12 हफ्ते तक रोजाना हठ योग करने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। इन फायदों में मांसपेशियों की मजबूती भी शामिल है। जबकि लेख में ऊपर बताया जा चुका है कि हठयोग में गोमुखासन को भी शामिल किया गया है। इसलिए, यह माना जा सकता है कि गोमुखासन के फायदे मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए हो सकते हैं। फिलहाल इस पर और शोध की जरूरत है।
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लिए
इस आसन के अभ्यास से आप कंधे में अकड़न, गर्दन में दर्द और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जैसी कई समस्याओं से निजात पा सकते हैं।