मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद अतिक्रमण पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। अभी तक वन विभाग द्वारा 297 मजारों, 31 मंदिरों को हटाया गया है। जबकि दो गुरुद्वारा को भी विभाग द्वारा नोटिस भेजा गया है। जो वन विभाग की जमीन पर बने हुए हैं।
78 हेक्टेयर भूमि से हटाया गया अतिक्रमण
बता दें अभी तक वन विभाग द्वारा 550 अवैध अतिक्रमण फिलहाल चिन्हित किए गए हैं। जिन पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत मजारों, मंदिरों, होटल, ढाबे आदि पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कार्यवाही की जा रही है। 2020 में एक सर्वे के तहत वन विभाग की 11000 हेक्टेयर भूमि पर अवैध अतिक्रमण की सूचना थी। जिसके तहत 78 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत मुक्त कराया गया है।
क्या धार्मिक आधार पर किया है अतिक्रमण
जानकार बताते हैं कि वन विभाग द्वारा जो अतिक्रमण अभियान चल रहा है। जिस तरीके से धार्मिक आधार पर यह अतिक्रमण किया गया है। यह केवल जमीन कबजाने के उद्देश्य से ही किया गया है। क्योंकि पहले कई जगह पर देखा गया है कि धार्मिक गतिविधियां शुरू होती है। उसके बाद वहां पर रहने के लिए कमरों तक का निर्माण किया जाता है।
जबकि कुछ जगह पर धार्मिक आधार पर पहले जमीन कब्जाई जाती है और उसके बाद दुकान या ढाबे बनाकर वहां से व्यापार भी कई लोग करते हैं। जबकि जिन जगहों पर धार्मिक गतिविधियों के तहत अतिक्रमण मुक्त किया गया है। वहां पर कोई ऐसे साक्ष्य नहीं मिले हैं। जिनसे कहा जा सकता है कि कोई धर्म के ठेकेदार इन्हें मान्यता के आधार पर चला रहे हैं।
सेटेलाइट के जरिए होगी निगरानी
वन विभाग के नोडल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते का कहना है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी है। जो चिन्हित अतिक्रमण किया गया है उसे विभाग के द्वारा हटाया जायेगा। इसके अलावा आम जनता के द्वारा जो शिकायतें अतिक्रमण को लेकर मिल रही है। वहां से भी अतिक्रमण हटाया जाएगा जबकि वन विभाग अब सेटेलाइट के जरिए भी अपनी जमीन को लेकर निगरानी कर रहा है और ऐसी जगहों पर भी यदि कोई अतिक्रमण दिखता है तो उसे भी हटाया जाएगा।
इनपुट- मनीष डंगवाल