झीलों की नगरी भोपाल के बड़े तालाब में मिली मगरमच्छ जैसे मुंह वाली मछली, भोपाल कैसे पहुंची ये खतरनाक मछली मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़े तालाब में एक ऐसी मछली मिली है, जो कि भोपाल तो क्या पूरे देश में कहीं नहीं पाई जाती है. इस मछली का नाम एलीगेटर गार है और यह मछली अमेरिका में पाई जाती है. दरअसल, भोपाल के खानूगांव निवासी अनस खान खानूगांव से लगे तालाब के किनारे पर मछली पकड़ने गए थे. इस दौरान उनके कांटे में एक मछली फंसी, यह मछली अन्य मछलियों से एकदम अलग थी. जिसका मुंह देखने में मगरमच्छ जैसा और बाकी शरीर मछली जैसा दिखाई दे रहा है. कुछ ही देर बाद मछली के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे.
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मछली पकड़ने वाले अनस ने बताया… Fishing Anas told…
वह डिस्कवरी चैनल देखने के शौकीन हैं और उन्होंने इस तरह की मछलियां डिस्कवरी चैनल में देखी हैं. लेकिन जब बड़े तालाब में ये मिली तो वह देखकर हैरान रह गए. मालूमात करने पर उन्हें पता चला कि एक समुद्री मछली है. सामान्यत: यह मछली अमेरिका में पाई जाती है. जिसे एलीगेटर गार कहा जाता है.
झीलों की नगरी भोपाल के बड़े तालाब में मिली मगरमच्छ जैसे मुंह वाली मछली, भोपाल कैसे पहुंची ये खतरनाक मछली
झीलों की नगरी भोपाल के बड़े तालाब में मिली मगरमच्छ जैसे मुंह वाली मछली, भोपाल कैसे पहुंची ये खतरनाक मछली भोपाल में जो मछली मिली है उसकी लंबाई तकरीबन डेढ़ फीट के आसपास है, जबकि इस प्रजाति की मछली की लंबाई 10 से 12 फीट के बीच होती है और इसकी उम्र तकरीबन 20 साल हाे जाती है. बताते हैं ये खतरनाक टाइप की होती है और मनुष्य पर भी हमला कर सकती है.
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भोपाल कैसे पहुंची, ये जांच का विषय How it reached Bhopal is the subject of investigation
फिशिंग एक्सपर्ट शारिक अहमद का कहना है कि भोपाल में यह मछली बड़े तालाब में कैसे आई, कहां से आई इस बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन अंदाजा यह लगाया जा सकता है कि भोपाल में कोलकाता और आंध्र प्रदेश से मछली का बीज आता है. संभवत उसी बीच के साथ इस एलीगेटर गार का बीज भोपाल आया है. इस मछली की प्रकृति होती है कि यह किसी भी वातावरण में सरवाइव कर जाती है. यही वजह है कि अमेरिका में पाई जाने वाली ये मछली भोपाल के बड़े तालाब में भी सरवाइव कर गई.