उत्तराखंड में 36 पुल सफर के लिए सुरक्षित नहीं हैं। इनमें कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में लोक निर्माण विभाग द्वारा किए गए रोड सेफ्टी आडिट में यह जानकारी सामने आई है। इन पुलों की स्थिति को देखते हुए शासन ने इन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए हैं।
गुजरात के मोरबी में हुई पुल दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक निर्माण विभाग को प्रदेश सभी पुलों की स्थिति जानने और उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। पांचों जोन की रिपोर्ट शासन को सौंपी मुख्यमंत्री के निदेशरें के क्रम में शासन ने लोनिवि को तीन सप्ताह के भीतर सभी पुलों का आडिट कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था।
इस कड़ी में लोनिवि ने पांचों जोन की रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। लोनिवि के अल्मोड़ा जोन में अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत व बागेश्वर जिले के 897 में से 687 पुलों का सर्वे किया गया। इसमें पिथौरागढ़ में एक पुल असुरक्षित पाया गया।
देहरादून में एक और हरिद्वार में तीन पुल असुरक्षित हल्द्वानी जोन में नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के कुल 299 में से 210 पुलों का निरीक्षण किया गया। इनमें ऊधमसिंह नगर के पांच पुल असुरक्षित पाए गए हैं। देहरादून जोन में देहरादून और हरिद्वार जिलों के कुल 306 में से 285 पुलों का सर्वेक्षण किया गया। इनमें देहरादून में एक और हरिद्वार में तीन पुल असुरक्षित पाए गए हैं।
पौड़ी जोन में पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिलों के 1426 में से 1157 पुलों का सर्वेक्षण किया गया। इनमें टिहरी में आठ, चमोली में एक व पौड़ी जिले में 25 पुल असुरक्षित पाए गए। उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के अधीन राष्ट्रीय राजमार्ग में कुल 334 पुल में से 179 का सर्वे किया गया। इनमें रुद्रप्रयाग में एक पुल असुरक्षित पाया गया है।
लोक निर्माण विभाग अब प्रदेश के सभी जर्जर व पुराने पुलों को बदलने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए ब्रिज बैंक तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी पुराने पुलों के ब्योरा एकत्र किया जाएगा। प्रदेश में कुल 436 पुराने पुल हैं। इन पुलों को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न परियोजनाओं, मसलन एशियन डेवलपमेंट बैंक, विश्व बैंक व सेंट्रल रोड इंफ्रास्ट्रक्च र फंड के जरिये दुरुस्त किया जाएगा।