गुलाब की खेती से कर सकते छप्पर फाड़ कमाई जानिए कैसे की जाये खेती,हमारे देश में फूलों की हजारों प्रजातियां है लेकिन गुलाब (Rose) के फूलों की लोकप्रियता सबसे अधिक है। यही कारण है कि इसे फूलों का राजा कहा जाता है। बाजार में गुलाब के फूल की मांग काफी अधिक है। गुलाब के फूलों का उपयोग केवल सजावट और सुगंध के लिए ही नहीं अपितु इससे गुलाब जल, गुलाब इत्र, गुलकंद और कई तरह की औषधीय बनाने के लिए भी किया जाता है।
जलवायु
गुलाब समशीतोष्ण जलवायु का पौधा है। इसके लिए ज्यादा गर्म जलवायु की जरूरत नहीं होती है। ठंडी जलवायु में इसका उत्पादन खूब होता है। इसके लिए 15 डिग्री सेंटीग्रेड से 25 सेंटीग्रेड तापमान सही होता है। भारत में इसकी खेती सभी राज्यों में की जा सकती है। ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस में इसकी खेती आप सालभर कर सकते हैं।
भूमि का चयन
गुलाब की खेती लगभग सभी प्रकार के मिट्टियों में की जा सकती है| परन्तु दोमट, बलुआर दोमट या मटियार दोमट मिट्टी जिसमें ह्यूमस प्रचुर मात्रा हो, में उत्तम होती है| जिसका पी एच मान 5.3 से 6.5 तक उपयुक्त माना जाता है| साथ ही पौधों के उचित विकास हेतु छायादार या जल जमाव वाली भूमि नहीं हो, ऐसी जगह जहाँ पर पूरे दिन धूप हो अतिआवश्यक है| छायादार जगह में उगाने से पौधों का एक तो विकास ठीक नहीं होगा, दूसरे पाउड्री मिल्ड्यु, रस्ट आदि बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है
गुलाब की खेती से कर सकते छप्पर फाड़ कमाई जानिए कैसे की जाये खेती
लता वर्ग
इस वर्ग की किस्में लता बनाती हैं| इसमें एक जगह से कई फूल निकलते हैं| जैसे- रोजा बैंकसिया, रोजा ल्यूटिया, व्हाइट रैम्बलर, क्रिमसन आदि प्रमुख हैं|
सुगन्धित वर्ग
इस वर्ग के गुलाब के फूल से सुगंध आती है| ऐसे फूलों से तेल, कंक्रीट, गुलाब जल इत्यादि बनाया जाता है| जैसे- रोजा बरबौनियाना, रोजा डैमेसीना, देशी गुलाब आदि प्रमुख किस्में हैं|
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व्यावसायिक किस्म
गुलाब की खेती से कर सकते छप्पर फाड़ कमाई जानिए कैसे की जाये खेती,व्यावसायिक स्तर पर गुलाब का कट फ्लावर उत्पादन के लिए हाइब्रिड टी वर्ग में फस्ट रेड, ग्रान्डगला, कन्फीटी, कैपरी, स्टार लाइट, मीलोडी, डीपलोमैट इत्यादि प्रकिस्मों का चयन करना चाहिए| फ्लोरीबन्डा वर्ग का कट फ्लावर उत्पादन के लिए संगरिया, लामबाडा, मोल्डी, गोल्डेन टाइम्स, क्रीम प्रोफाइट, जैक फ्रास्ट इत्यादि किस्मों का चयन करना चाहिए|
पोलीएंथा एवं मिनिएचर
इस वर्ग की किस्मों के पौधों एवं पत्तियों का आकार छोटा होता है और यह छोटे फूल उत्पादित करते हैं| इस वर्ग के एक पौधे से काफी फूल उत्पादित होते है| जैसे- बेबी, पिक्सी, क्रीक्री, बेबीगोल्ड स्टोर आदि प्रमुख किस्में हैं
लागत और कमाई
अगर कमाई की बात की जाए तो गेहूं की फसल में एक एकड़ से अमूमन 40 से 50 हजार रुपये तक कमाई होती है जबकि गुलाब की खेती से ये कमाई 10 लाख या उससे अधिक की हो जाती है। आजकल युवाओं के सामने रोजगार का संकट है। वह गुलाब की खेती कर घर बैठे चालीस-पचास हजार रुपए की हर माह कमाई कर सकते हैं।
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नागपुर (महाराष्ट्र) के गांव माणेवाड़ा की एक ऐसी ही युवा किसान हैं प्रणाली शेवाले। जब उनको नौकरी नहीं मिली तो गुलाब की खेती करने लगी। अब उनको हर महीने 50-60 हजार रुपए की कमाई हो जा रही है। प्रणाली बता हैं कि उन्होंने हॉर्टिकल्चर में डिप्लोमा करने के बाद नौकरी की तलाश की, लेकिन कहीं रोजगार नहीं मिला।