स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस 2023 के मौके पर डॉक्टरों का कहना है कि सभी लोगों को 30 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहना चाहिए। ऐसा करके आप भविष्य में होने वाली कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को कम कर सकते हैं। जांच के जरिए समय पर बीमारियों का पता चलना भी आपको किसी बड़े जोखिम से बचाने में मददगार होता है। आइए जानते हैं इसके लिए कौन से टेस्ट जरूरी हैं।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर डॉ. अमरेंद्र भाटिया (इंटेंसिव केयर एक्सपर्ट) कहते हैं, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा इम्यून सिस्टम और हमारे शरीर के अंगों की कार्यक्षमता कम होने लगती है। इसके साथ ही कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। यहां जरूरी हो जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए नियमित डॉक्टरी सलाह लें और कुछ टेस्ट करवाएं।
यदि कई बीमारियों का समय पर निदान और उपचार किया जाए तो उनके गंभीर रूप लेने के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 30 की उम्र के बाद सभी को रेगुलर चेकअप कराते रहना चाहिए।
कौन से टेस्ट कराने चाहिए?
पिछले दो-तीन दशकों में मधुमेह और हृदय रोगियों के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा, कोरोना महामारी के बाद हृदय संबंधी जटिलताओं के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। नियमित रक्त परीक्षण, कोलेस्ट्रॉल जांच, और रक्तचाप की जांच से भविष्य में किसी भी गंभीर बीमारी को रोकने में मदद मिल सकती है।
हर छह महीने में शुगर टेस्ट (HbA1c) के साथ कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें। इससे मधुमेह-हृदय रोगों के जोखिमों को जानने में मदद मिलेगी।
महिलाएं दें विशेष ध्यान
भारत में महिलाओं में एनीमिया की समस्या बहुत आम है जो समय के साथ कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। हर छह महीने में अपने हीमोग्लोबिन के स्तर की जांच करवाएं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हृदय रोग और उनके कारण मृत्यु का अधिक खतरा होता है। कोलेस्ट्रॉल, लिपिड टेस्ट और ब्लड प्रेशर टेस्ट आपके लिए समय रहते इनके जोखिमों की पहचान करने और उनसे बचने में मददगार हो सकते हैं।
थायराइड और अन्य जांच
देश में 40-50 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते ज्यादातर लोग थायराइड की समस्या के शिकार हो जाते हैं, यह विकार पूरे शरीर के लिए हानिकारक होता है। जरूरी है कि समय-समय पर अपने थायराइड की जांच कराते रहें और बचाव के उपाय करते रहें। इसके अलावा किडनी-लिवर फंक्शन टेस्ट करवाकर आप पाचन और संबंधित बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।