क्या है रिवर्स डाइट: आज हम रिवर्स डाइटिंग के बारे में जानने वाले हैं। इस रिवर्स डाइट की मदद से वजन कंट्रोल करना और भी आसान हो जाएगा। आइए जानते हैं कि रिवर्स डाइटिंग कैसे काम करती है और कैसे वजन कम करती है।
मोटापा अभी सबसे गर्म बहस वाले स्वास्थ्य विषयों में से एक है। मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों की संख्या बहुत बड़ी है। लेकिन मोटापा मुख्यतः 2 चीजों के कारण होता है। पहला है गलत जीवनशैली और दूसरा अधिक मात्रा में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना जो सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होते हैं।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हममें से कई लोगों की दिनचर्या निश्चित नहीं होती है। यहां तक कि सोने, जाने और खाने का समय भी तय नहीं है। इसलिए वजन बढ़ता है। इसके अलावा रिफाइंड कार्ब्स, शुगर, फैट से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से भी वजन बढ़ता है।
रिवर्स डाइटिंग में धीरे-धीरे कैलोरी की मात्रा बढ़ने की उम्मीद की जाती है। ऐसा सप्ताह में कम से कम 2 बार करने की उम्मीद है। इसके बाद आप समझ सकते हैं कि आपका वजन कितना है और आपके शरीर में क्या-क्या बदलाव हुए हैं।
अगर आपका शरीर पहले जैसा महसूस करता है तो डाइट में 100 से 150 कैलोरी की मात्रा बढ़ा दें। लगभग 3 से 5 सप्ताह तक इस रूटीन का पालन करें। इसके बाद चेक करें कि वजन पहले जैसा ही है या कम हो गया है। यदि आपको वजन में कोई अंतर दिखाई देता है, तो आपसे डाइटिंग के माध्यम से प्राप्त कैलोरी को कम करने की अपेक्षा की जाती है। जैसे-जैसे आप अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं, आपका शरीर अधिक कैलोरी जलाने लगता है। बाद में जब शरीर को इसकी आदत हो जाती है तो वजन कम होने पर भी कैलोरी बर्न होने की दर समान रहती है और वजन को बनाए रखने में यह फायदेमंद होता है।
इस उल्टी डाइट को फॉलो करने से शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। इस डाइट प्लान से आपको ज्यादा देर तक भूखे नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही कमजोरी महसूस नहीं होती है। इसके अलावा आप रिवर्स डाइटिंग अपनाकर भी शरीर में एनर्जी बनाए रख सकते हैं। यह आपकी एकाग्रता को बढ़ाने में भी मदद करता है।