पपीते की खेती से चलता है बहरावंडा के किसानो का घर, कई राज्यों में होती इसकी डिमांड, एक से डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा, राजस्थान के दौसा जिले में कई प्रकार की खेती की जाती है और खेती के माध्यम से किसान अपनी इनकम को लगातार बढ़ा रहे हैं. और आज हम आपको दौस जिले के बहरावंडा के किसानों की जानकारी देंगे. जो की इनके द्वारा पपीता की खेती की जाती है और यहां के पपीता को दिल्ली सहित अन्य राज्य पसंद करते हैं. यह पपीता की खेती अधिक मात्रा में की जाती है।
आपको बता दे की यहां के किसानो को घर का खर्चा उड़ाना पड़ता है। यह किसान राम भरोसी सैनी का कहना है कि हमारा घर का खर्चा पपीता की खेती से ही चलता है. और इस पपीता को हम तैयार कर आजादपुर मंडी में भेजते हैं. और हमारे यहां का पपीता बहुत ही मीठा होता है और यहां के पपीते अच्छे दामों पर भी बिकते हैं. और घर का पूरा खर्चा, बच्चों की पढ़ाई खर्चा सहित अनेक खर्चे हमारे पपीते की खेती से ही चलते हैं. यहां के किसानो का खर्चा पपीता की खेती से ही होता है।
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1 बीघा खेत में करीब 1.5 लाक तक का होता है मुनाफा
यहा के किसानो को एक खेत की बात करे तो उसमे इन किसानो को डेढ़ लाख का मुनाफा होता है बहरावंडा निवासी किसान जयराम सैनी ने बताया कि हमारे क्षेत्र में अधिकतर लोग पपीते की खेती करते हैं यह और पपीते की खेती में कम खर्चा और कम मेहनत लगती है. अब पपीते की खेती से अच्छी इनकम किसानों को हो जाती है. और यह प्रति एक बीघा के हिसाब से यहां के किसानों को एक से डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा हो जाता है. इस पपीता की खेती में ज्यादा फायदा होता है।
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पपीते की खेती से होगी मोती कमाई
आपको बता दे की पपीता की कमाई बहुत अधिक होती है। किसान राम भरोसी सैनी का कहना है कि पपीता की खेती से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है. और यह हालांकि अबकी बार सर्दी के मौसम में गिरे पाले से पपीता की खेती के अंदर नुकसान देखने को मिल रहा है. यह लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं है. और लेकिन पपीता खेती में पाले के कारण अचानक से फल से दूध निकलने लगता है. यह जिसके कारण नुकसान अबकी बार देखने को मिल रहा है. बता दे की यह हालांकि आमतौर पर इसमें नुकसान कम होता है. यह जिससे की किसानो को अधिक मुनाफा होता है।