अक्सर आपने दूना होगा की एक-दो पैग पीने से बॉडी तंदुरुस्त बनी रहती है,लेकिन एक नए शोध में इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया गया है। कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ विक्टोरिया के शोधकर्ताओं ने शराब पर आधारित अपने शोध में पाया है कि कम मात्रा में शराब पीना भी घातक हो सकता है। शोधकर्ताओँ ने बताया कि 300 एमएल बीयर, 140 एमएल वाइन या 40 एमएल हार्ड लिकर रोज पीने वाले भी खतरे के शिकार हो सकते हैं। कई देशों में इस स्तर तक शराब पीने को बुरा नहीं माना गया है।
कभी-कभी शराब पीना भी होता है रोज पीने जितना खतरनाक,देखिये पूरी जानकारी
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शोध में मॉडरेट तरीके से शराब पीने वाले लोगों को शामिल किया गया। लेकिन कई सालों के बाद पाया गया कि इनमें से 38 प्रतिशत लोग किसी न किसी कारण से समय से पहले मौत के शिकार हो जाते हैं।
अध्ययन में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई, वह यह थी कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों पर यह असर ज्यादा देखा गया। शोध में पाया गया कि जिन महिलाओं ने मॉडरेट तरीके से यानी काम मात्रा में और देश के दिशा-निर्देशों के अंदर रहकर शराब का आनंद लिया, उन्हें हार्ट अटैक, स्ट्रोक और डायबिटीज से कुछ राहत मिली, लेकिन पुरुषों में ऐसा नहीं देखा गया।
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ओवरऑल देखा गया कि मॉडरेट तरीके से शराब का सेवन करने वाले लोगों में मौत और विकलांगता जैसे मामले ज्यादा पाए गए। पुरुषों ने शराब पीने के सभी स्तर पर नुकसान का अनुभव किया है। पुरुषों में मॉडरेट शराब के सेवन का किस हद तक बुरा असर पड़ता है, इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका।
शोध में सलाह दी गई है कि जो पहले से शराब के आदी हैं, उन्हें मॉडरेट तरीके से भी शराब नहीं पीना चाहिए। मॉडरेट ड्रिंकिंग से होने वाले बड़े पैमाने के स्वास्थ्य के जोखिमों को नियंत्रित करने के लिए यह जरूरी है कि भविष्य में शराब पीने के विकल्पों के बारे में सोचा जाए। इस शोध का उद्देश्य सभी को शराब पीने के दौरान सावधानी की दिशा में आगे बढ़ाना है। याद रखिए जब भी अल्कोहल को इस्तेमाल करने की बात आए तो बेहतर होगा इसे कम इस्तेमाल करें।