देश में मौजूदा रवि मार्केटिंग सीजन में प्रोटीन की फसल चने का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार से पीली मटर के आयात की अनुमति मिलने की संभावना कम है। देश में पीले मटर के आयात की अनुमति देने के लिए व्यापार लॉबी द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि मटर मुख्य रूप से कनाडा और कुछ यूरोपीय देशों से आयात किया जाता है।
चालू रबी सीजन में देश में चना उत्पादन 1.363 करोड़ टन रहने का अनुमान है। जो पिछले साल 1.35 करोड़ टन देखा गया था। वर्तमान में देश में चने की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से नीचे चल रही हैं और इसलिए देश में अन्य प्रतिस्पर्धी फसलों का आयात किसानों के हित में नहीं है। सरकार ने चना के लिए रुपये आवंटित किए हैं। 5,335 प्रति क्विंटल चने का भाव तय किया गया है। हालांकि शुरुआत से ही कीमत इससे नीचे देखी जा रही है और इसलिए सरकार को 11 लाख टन से ज्यादा चना खरीदना पड़ा है। ऐसे में पीली मटर के आयात से चने की कीमतों पर दबाव बन सकता है। जिससे सरकार या किसानों की चिंता बढ़ सकती है। देश में इस समय चने का भाव 30 रुपये है। 4,700-4,800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास कारोबार हो रहा है। इसे देखते हुए सरकार कमोडिटी को सपोर्ट देने के लिए रिकॉर्ड खरीदारी कर सकती है। अभी तक महाराष्ट्र से 4.93 लाख टन, मध्य प्रदेश से 2.67 लाख टन, गुजरात से 2.23 लाख टन चना खरीदा जा चुका है। हालांकि राजस्थान में खरीदारी धीमी है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी चने की खरीद धीमी है। वर्तमान में देश में पीली मटर की खरीद नियंत्रित आयात की सूची में शामिल है।