ब्रोकली कई सारे गुणों से भरपूर सब्जी है। इसलिए आजकल मार्किट में इसकी मांग काफी बहुत ज्यादा है लोग स्वास्थ्य के प्रति सचेत लोग इसका जमकर सेवन करते हैं. ब्रोकली एक विदेशी सब्जी है लेकिन इसके फायदों के कारण भारत में इसे काफी पसंद किया जाता है. ऐसे में ब्रोकली की खेती काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. अगर आप भी ब्रोकली की खेती करने की योजना बना रहे हैं तो आप वैज्ञानिक तरीके से ब्रोकली की खेती कर सकते हैं।
कम समय में बनना है मालामाल तो शुरू करें ब्रोकली की खेती, विदेशों तक है इसकी तगड़ी मांग, जाने तरीका
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ब्रोकली की खेती के लिए पहले तैयार करें नर्सरी
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च ने ट्वीट कर किसानों को वैज्ञानिक तरीके से ब्रोकली की खेती करने की सलाह दी है. ICRA के मुताबिक, ब्रोकली की खेती के लिए पहले नर्सरी तैयार की जाती है और पौध तैयार हो जाने पर इसकी रोपाई की जाती है. सितंबर और अक्टूबर का महीना पौधशाला में इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त समय माना जाता है. ऐसे में अभी आपके पास ब्रोकली की खेती के लिए तैयारी करने का पर्याप्त समय है.
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विटामिन ‘सी’ से भरपूर है ब्रोकली
ब्रोकली विटामिन ‘सी’ से भरपूर गोभी वर्गीय सब्जियों के तहत आने वाली प्रमुख फसल है. इसे सब्जी, सूप और सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है. इसकी खेती के लिए उचित जल निकास वाली जीवांश पदार्थ युक्त बलुई दोमट मृदा उपयुक्त मानी जाती है, जिसका पी.एच मान 6 से 7 के बीच होता है.
कब और कैसे करें ब्रोकली की रोपाई
ब्रोकली की रोपाई से 25 से 30 दिन पहले मृदा में अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद से 8 से 10 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मिला दिया जाता है. ब्रोकली में रासायनिक खाद की अनुशंसित मात्रा 120:80:60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का उपयोग किया जात है. आम तौर पर Broccoli 65 से 80 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है.