भारत कृषि प्रधान देश है और भारत के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज भी कृषि के जरिए ही अपने घर को चलाते हैं. आदि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर कृषि योग्य भूमि पर खेती कर के ही लोग अपनी आजीविका चलाते हैं.
6 महीने में बनना है करोड़पति तो आज ही शुरू करें इस खास पौधे की खेती,मार्केट में है इसके तगड़ी डिमांड,विदेशों तक होता है सप्लाई
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आप अगर अधिक पैसे कमाना चाहते हैं तो आप लोग पारंपरिक खेती छोड़ कर कुछ खास तरीके से खेती करनी होगी. आज हम आपको रबड़ की खेती के बारे में बताने वाले हैं जिसका देश विदेश में खूब मांग है.भारत को रबड़ का चौथा बड़ा उत्पादक देश माना जाता है लेकिन देश में रबर की खपत बढ़ने पर रबर का आयात होता है.
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आजकल केंद्र और राज्य सरकार इस मुद्दे पर काम कर रही है कि भारत में अधिक रबड़ का उत्पादन हो और भारत में रबड़ का आयात ना करना पड़े. रबड़ की खेती भारत में अधिकतर दक्षिणी भारत में विशेषकर केरल कर्नाटक के अलावा तमिलनाडु में होती है.
इसकी खेती के लिए 200 सेंटीमीटर बारिश की जरूरत होती है. आपको बता दें कि इसके पौधे को न्यूनतम 200 सेंटीमीटर बारिश की जरूरत होती है और उसने आदर जलवायु में यह तेजी से विकास करता है. इसके लिए 21 से 35 डिग्री के तापमान की जरूरत होती है.
आपको बता दें कि यह लेटर आईटी युक्त गहरी लाल मिट्टी में उगाई जाती है. इसके लिए 4.5 से लेकर 6.0 के बीच में टीका पीएच मान होना चाहिए. आपको बता दें कि रबड़ के बुवाई का समय जुलाई होता है और समय-समय पर पर्याप्त मात्रा में इसमें उर्वरक डालना चाहिए. एक बराबर के पौधे लगाने पर 40 सालों तक कमाई होती है. रबड़ को बड़ी-बड़ी कंपनियां खरीद लेती है.