Health Tips: आजकल लोग टूथ पेस्ट का इस्तेमाल करने लगे हैं लेकिन दांतों की बीमारियों में भी इजाफा हुआ है. जब लोग दान करते थे तो 80 साल की उम्र तक भी दांत मजबूत रहते थे। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि दातान औषधीय गुणों से भरपूर होता है जो दांतों की सफाई के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
किसी भी पेड़ का दान करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि आप अपने दांतों को नियमित रूप से ब्रश करते हैं, तो आपको दांतों की सड़न नहीं होगी। इसके पीछे कारण यह है कि दातान पूरी तरह प्राकृतिक और एंटीसेप्टिक है। इसके इस्तेमाल से दांत और जीभ की अंदर से अच्छी तरह से सफाई हो जाती है। इस तरह दांत कीड़ों से बचे रहते हैं।
नियमित रूप से ब्रश करने से दांतों की कई समस्याओं से बचा जा सकता है। बदलती जीवनशैली में कभी भी कुछ भी खाने से दांतों को नुकसान पहुंच रहा है। इससे दांतों में तरह-तरह की समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में पायरिया की समस्या भी आम हो गई है। लेकिन दान के प्रयोग से इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा नीम देने से मसूढ़ों को ताकत मिलती है।
दरअसल, दातान का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही दांतों की सफाई के लिए किया जाता रहा है। यूं तो दांतों के लिए कई तरह के पेड़ की टहनियों का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन नीम, बेर, बरगद और किकर बहुत ही फायदेमंद माने जाते हैं। ब्रश करने से आप अपने दांतों के साथ-साथ अपनी जीभ को भी साफ कर सकते हैं। इसके अलावा इसके औषधीय गुण कई समस्याओं का समाधान करते हैं।
नीम का दान आयुर्वेद में नीम का दान स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है। नीम का रस प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर के रूप में भी काम करता है, जिससे सांसों में दुर्गंध नहीं आती है। ऐसा माना जाता है कि दातान न केवल दांतों को साफ करता है बल्कि पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है। इसके नियमित सेवन से आंतें साफ होती हैं और रक्त शुद्ध होता है तथा त्वचा रोगों से भी बचाव होता है।
किकर दातन: लोग दातन से बनी किकर टहनियों का भी इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। माना जाता है कि किकर के दान से मसूड़े भी साफ रहते हैं और दांत मजबूत होते हैं। इसे एक स्वादिष्ट कॉफी भी माना जाता है। किकर में दांतों को समय से पहले नहीं गिरने देने, उन्हें हिलने-डुलने नहीं देने, मसूड़ों से खून नहीं निकलने देने, मुंह के छालों को रोकने का गुण होता है।
बरगद की छाल : बरगद की छाल में 10 प्रतिशत टैनिक पाया जाता है। इसका रस दर्द, वात, प्रदाह, नेत्र ज्योति, रक्ततंभ तथा रक्तपीठर आदि में उपयोगी है। दांतों से चूसा हुआ रस मुंह की हर तरह से रक्षा करता है।
बेर का दातन : माना जाता है कि नीम जैसे बेर के पेड़ की टहनी से बना दातन दांतों के लिए फायदेमंद होता है, वहीं इससे गले की खराश आदि भी दूर हो जाती है और आवाज साफ हो जाती है।