Health Tips: अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको विज्ञान भी जानना होगा. हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है और पांच तत्वों के संतुलन से ही शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। इन पांच तत्वों को संतुलित करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाना जरूरी है। वस्तुतः प्रकृति द्वारा उपचार की विधि को प्राकृतिक चिकित्सा कहते हैं। प्रकृति ने हमें आकाश (उपवास), वायु (श्वास, व्यायाम), अग्नि (सूर्य, रंग, भाप), जल (पीने का पानी और पानी से संबंधित अन्य गतिविधियाँ) और पृथ्वी (मिट्टी का उपयोग) दिया है जिसके माध्यम से हम स्वस्थ रह सकते हैं। कर सकना
प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. अंतिम कुमार जैन बताते हैं कि प्राकृतिक चिकित्सा में शरीर में मौजूद पांच तत्वों को इन्हीं पांच तत्वों के जरिए संतुलित किया जाता है। यह चिकित्सा पद्धति शरीर को स्वस्थ रखने के सिद्धांत पर काम करती है। प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को सप्ताह में एक बार उपवास रखना चाहिए। इस व्रत में मौसमी और स्थानीय फलों का ही सेवन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते रहेंगे और पानी की कमी नहीं होगी।
15 मिनट धूप में जरूर बैठना चाहिए
दिन में कम से कम 15 से 20 मिनट धूप में जरूर बैठें। इससे विटामिन डी की कमी नहीं होगी। सामान्य दिनों में भी आहार में अंकुरित अनाज, स्थानीय व मौसमी फलों व सब्जियों का अधिक सेवन करें। इन्हें कच्चा खाने की कोशिश करें। यहां तक कि अगर आपको खाना बनाना है, तो भी ज्यादा न पकाएं।
इन बातों का रखें ध्यान
मिर्च, मसालों के अलावा, दूध और दूध से बने पदार्थ, चीनी, नमक और मैदा जैसे कुछ सफेद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए रोजाना 10 से 12 गिलास पानी पिएं।
हरी पत्तेदार सब्जियों को सलाद के रूप में खाएं और खाली पेट आंवले का जूस पिएं।
सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करें और देर रात तक न जागें।
कोशिश करें कि सूर्यास्त से पहले ही भोजन कर लें, ताकि भोजन ठीक से पच जाए।