वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बयान में कहा कि मार्च 2022 में करेंसी नोटों का प्रचलन बढ़कर 31.33 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2014 में 13 लाख करोड़ रुपये था।
बैंक नोट और सिक्कों सहित करेंसी सर्कुलेशन 25 मार्च , 2022 को जीडीपी का 13.7 प्रतिशत था । जो मार्च 2014 में जीडीपी का 11.6 फीसदी था।
हालांकि, नोटबंदी के बाद नकदी के प्रचलन में गिरावट देखी गई है। मार्च 2016 में कैश सर्कुलेशन 16.63 लाख करोड़ रुपए था, जो मार्च 2017 में घटकर 13.35 लाख करोड़ रुपए रह गया।
हालाँकि, तब से नकदी के प्रचलन में लगातार वृद्धि हुई है। मार्च 2018 में कैश का सर्कुलेशन 18.29 लाख करोड़ रुपए था। जो 2019 में बढ़कर 21.36 लाख करोड़ हो गया।
2020 में कैश सर्कुलेशन 24.47 लाख करोड़ रुपये , 2021 में 28.53 लाख करोड़ रुपये और 2022 में 31.33 लाख करोड़ रुपये था।
वित्त मंत्री निउर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य नकद लेनदेन की मात्रा को कम करना है ताकि डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके और काले धन पर अंकुश लगाया जा सके।
उन्होंने आगे कहा कि 8 नवंबर , 2016 को घोषित विमुद्रीकरण का उद्देश्य नकली नोटों के प्रचलन को रोकना था।