महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने गेहूं के दाम घटाए हैं, गेहूं की कीमतों में गिरावट के बाद आटा भी सस्ता हो गया है। इन कीमतों को गेहूं की फसल तक के लिए टाल दिया गया है, जाने कितना सस्ता हुआ गेहूं और आटा , निचे पूरी दी गई है जानकारी..,
बाजार में इन दिनों कमजोर (गेहूं का आटा) का भाव आसमान पर चढ़ गया है। खुला बोरी वाला आटा भी 35 से 40 रुपये किलो बिक रहा है। ब्रांडेड आटा तो 45 रुपये से 50 रुपये के बीच जबकि एमपी सरबती गेहूं का आटा 50 से 55 रुपये प्रति किलो हो गया। इसी तरह पिछले महीने भ्रम की स्थिति भी रिजर्व बैंक के शेयरों को पार कर गई। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने व्हीट का किराया घटा दिया है। यही नहीं, राज्यों को भी अब फैक्टर्स पर ब्याज मिलेगा ताकि वह अपनी योजनाओं के तहत वितरण कर सके।
क्या हो गया है दाम
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) से मिली जानकारी के अनुसार गड़बड़ी पर लगाने के लिए सरकारी व्हीट रिजर्व प्राइस घटाया गया है। घटी हुई सेल 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगी। मतलब कि जब तक गेहूं की नई फसल बाजार में नहीं आएगी तब तक यही सेल करेंगे। अब सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) {OMSS (D)} के तहत फेयर एवरेज क्वालिटी के व्हीट गेहूं (FAQ) की कीमत 2150 रुपये प्रति क्विंटल तय की है। यह कीमत पूरे देश के लिए है। इसी के साथ रिलैक्स्ड स्पेसिफिकेशंस (URS) के तहत पूरे देश में गेहूं की कीमत 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है।
इस रेट पर किसे मिलेगा गेहूं?
सरकार के अनुसार, उपरोक्त कीमतें निजी मिलर्स और व्यापारियों के लिए तय हैं। अब इसी कीमत के आधार पर निजी पार्टियां बोली लगाएंगी। राज्य सरकार भी इसी मूल्य पर गेहूं खरीद कर अपनी योजनाओं के तहत वितरण कर सकती है। राज्यों को केवल आरक्षित मूल्य पर ही गेहूं खरीदने की छूट होगी। उन्हें बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लेना होगा।
एफसीआई का तीसरा e-auction होगा अगले सप्ताह
खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं की ई-नीलामी की जा रही है। अब तक ई-नीलामी के दो दौर आयोजित किए जा चुके हैं। एफसीआई ने अगले गेहूं की ई-नीलामी के लिए 22 फरवरी की तिथि निर्धारित की है। उस दिन गेहूं के संशोधित आरक्षित मूल्य पर ई-नीलामी की जाएगी।
दो ई-नीलामी में 13 लाख टन गेहूं बिका है
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अब तक दो बार गेहूं की ई-नीलामी करा चुका है। इसके पहले दौर में 9.2 लाख टन गेहूं बिका था। जबकि इसके दूसरे दौर में 3.85 लाख टन गेहूं बिका। आटा मिलों, गेहूं उत्पाद निर्माताओं और व्यापारियों जैसे थोक खरीदारों को अब तक 13.05 लाख टन गेहूं दो राउंड में बेचा जा चुका है।
सेंट्रल पूल से 30 लाख टन गेहूं बेचा जाएगा
बाजार में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने 26 जनवरी को बड़ा फैसला लिया था. केंद्रीय पूल से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला था। इसमें से एफसीआई ने 25 लाख गेहूं ई-नीलामी के जरिए थोक खरीदारों को बेचने का फैसला किया। शेष 5 लाख टन गेहूं बिना नीलामी के केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी करने का निर्णय लिया गया। 15 मार्च तक निजी पार्टियों के लिए प्रत्येक बुधवार को गेहूं की ई-नीलामी की जा रही है।
खुली बिक्री का परिणाम दिखाया गया है
मंडी में गेहूं की खुली बिक्री के सरकार के कदम का असर बाजार में साफ दिखाई दे रहा है। ई-नीलामी शुरू होने के बाद से गेहूं के थोक और खुदरा भाव में गिरावट शुरू हो गई है। पहली नीलामी के बाद गेहूं के थोक भाव 600-700 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए हैं।
यह भी देखे:कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, अब रिटायरमेंट की उम्र 60 से इतनी बढ़ी, देखें पूरी डिटेल
यह भी देखे: Sahara News: सहारा निवेशकों के लिए बल्ले बल्ले पैसा मिलना हुआ प्रारंभ,देखिए