5 Rupee Old Coin: आखिर मार्केट से कहा गुम हुआ 5 रुपए का यह मोटा सिक्का? जानिए इसके पीछे का चौका देने वाला खुलासा, रोजमर्रा की जिंदगी में छोटे-मोटे लेनदेन के लिए आपने 5 रुपये के एक मोटे सिक्के का इस्तेमाल खूब किया होगा. लेकिन अब ये सिक्का आना बंद हो गया है.
ये भी पढ़े- Oppo-Vivo को बर्बाद करने जल्द आएगा Nokia का भरोसेमंद स्मार्टफोन, 108MP कैमरा और 8100mAh पावरफुल बैटरी के साथ Dashing लुक
आखिर क्यों बंद हुए 5 रूपये के ये वाले सिक्के
हालांकि, इसकी जगह नए और पतले सिक्के चल रहे हैं. आखिर ये पुराना 5 रुपये का सिक्का आना क्यों बंद हुआ, क्या आप ये जानते हैं? इसकी एक बड़ी वजह है जिसके बारे में बहुत ही बहुत ही कम लोगों को पता होगा या बहुत ही कम लोगो ने ध्यान दिया होगा कि 5 रूपये का यह सिक्का मार्केट में आना बंद हो गया है जिसके पीछे की बड़ी वजह कोई नहीं जनता आएये हम बताते है इसके पीछे का कारण….
जानिए इस सिक्के की खासियत क्यों है इतना कीमती
5 रुपये के पुराने सिक्के काफी मोटे होते थे और इनको बनाने में ज्यादा मेटल लगती थी. ये सिक्के जिस धातु से बनते थे, दाढ़ी बनाने वाला धारदार ब्लेड भी उसी मेटल से बनाया जाता है. इस वजह से लोगों ने इसका गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया और यही इस सिक्के को बंद करने की वजह रही. इस सिक्के की तस्करी बांग्लादेश में की जानी लगी जिसकी वजह से मार्केट में यह सिक्के उम्मीद से कम दिखने लगे जिसकी पड़ताल के बाद पता चला की यह सिक्के अवैध रूप से बांग्लादेश भेजे जा रहे है।
जानिए इसे बंद करने के पीछे की असली वजह
दरअसल ज्यादा मेटल होने की वजह से 5 रुपये के इन सिक्कों की अवैध तस्करी की जाने लगी और इन्हें गैर कानूनी तरीके से बांग्लादेश भेजा जाने लगा. वहां इन सिक्कों को पिघलाकर इनकी मेटल से ब्लेड बनाया जाने लगा. आपको जानकार हैरानी होगी कि इस एक सिक्के से 6 ब्लेड बन जाती थी और एक ब्लेड 2 रुपये में बिकती थी. इस तरह एक 5 रुपये के सिक्के को पिघलाकर उससे ब्लेड बनाकर 12 रुपये में बेचा जा सकता था.
ये भी पढ़े- फूटी किस्मत चमका देगा 5 रूपये का उगते सूरज वाला नोट, भर देगा आपकी पैसो से खाली झोली, जानिए बेचने का आसान तरीका
बांग्लादेश में ब्लेड बनाने के काम में इस्तेमाल किया जाता है इस 5 रूपये के सिक्का का
जब बाजार से ये सिक्के अचानक कम होने लगे और इस पूरी गड़बड़ी की सरकार को पता चली तो भारतीय रिजर्व बैंक ने 5 रुपये के सिक्कों को पहले के मुकाबले पतला कर दिया. इसके अलावा सिक्के को बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मेटल को भी बदल दिया ताकि बांग्लादेशी इनसे ब्लेड ना बना सकें।
जानिए इस सिक्के की सरफेस वैल्यू और मेटल वैल्यू
दरअसल किसी भी सिक्के की कीमत सरफेस वैल्यू और मेटल वैल्यू के जरिए 2 तरह से आंकी जाती है. सिक्के पर लिखी वैल्यू सरफेस वैल्यू होती है. वहीं, मेटल वैल्यू सिक्के को बनाने वाली मेटल की कीमत होती है. 5 रुपये के पुराने वाले सिक्के को पिघलाने पर उसकी मेटल वैल्यू, सरफेस वैल्यू से ज्यादा थी. जिसका फायदा अपराधियों और तस्करों ने जमकर फायदा उठाया.
<p>The post आखिर मार्केट से कहा गुम हुआ 5 रुपए का यह मोटा सिक्का? जानिए इसके पीछे का चौका देने वाला खुलासा first appeared on Gramin Media.</p>