देहरादून: गढ़वाल हिमालय में भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. केदारनाथ धाम के कपाट मुख्य मंदिर के पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य द्वारा खोले गए। हालांकि, क्षेत्र में खराब मौसम की स्थिति के कारण पवित्र मंदिर के रास्ते में हजारों तीर्थयात्रियों को आगे बढ़ने के लिए रोक दिया गया है।
केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के बाद ढोल नगाड़े बजाते नजर आए श्रद्धालु।
अधिकारियों ने कहा कि सैकड़ों तीर्थयात्रियों को मौसम में सुधार होने तक ऋषिकेश, गौरीकुंड, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग में इंतजार करने को कहा गया है। टिहरी के एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि केदारनाथ में बर्फबारी और खराब मौसम के पूर्वानुमान के मद्देनजर तीर्थयात्रियों को भद्रकाली और व्यासी में रोक दिया गया है और फिलहाल ऋषिकेश में रहने को कहा गया है.
अधिकारियों ने कहा कि जो श्रद्धालु पहले ही केदारनाथ पहुंच चुके हैं, वे मंदिर के कपाट औपचारिक रूप से खुलने के साक्षी बन सकेंगे। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पहले कहा था कि केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है और सोमवार को बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली भी धाम पहुंची. उत्तराखंड सरकार ने रविवार को केदारनाथ के लिए तीर्थयात्रियों के नए पंजीकरण को 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया, क्योंकि मौसम विभाग ने 29 अप्रैल तक क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश की भविष्यवाणी की थी।
केदारनाथ में रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी और बारिश को देखते हुए मंदिर समिति अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं से यात्रा शुरू करने से पहले राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और वहां ठहरने की व्यवस्था पहले से करने की अपील की.
इस बीच शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी तीर्थयात्रियों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने गुप्तकाशी पहुंचे। उन्होंने कहा कि राज्य में चार धाम यात्रा के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं, ईश्वर की कृपा से इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक श्रद्धालु यात्रा पर आएंगे।