क्या है एग फ्रीजिंग: हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने खुलासा किया कि जब वह 30 साल की थीं, तब उन्होंने एग फ्रीजिंग तकनीक को अपनाकर अपने एग फ्रीज किए थे। सरोगेसी के जरिए प्रियंका पिछले साल ही एक बेटी की मां बनी हैं। आजकल महिलाएं अपने करियर को प्राथमिकता देने के कारण जल्द मां बनने की योजना नहीं बनाना चाहती हैं। ऐसे में कई युवतियां शादी के बाद अपने करियर पर ध्यान देने के लिए एग फ्रीजिंग करवाना ही बेहतर समझ रही हैं। आखिर क्या है एग फ्रीजिंग, लोग एग फ्रीजिंग क्यों करवाते हैं और भारत में इसे कराने में क्या खर्चा आता है, आइए यहां मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर और आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं।
एग फ्रीजिंग क्या है?
बदलाव के इस दौर में कई चीजें बदलने के साथ-साथ लोगों की सोच और प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं। यही कारण है कि पहले जब लड़कियां अपने घर, परिवार, शादी और बच्चों को प्राथमिकता देती थीं, आज वे अपने करियर को लेकर काफी जागरूक हो गई हैं। आज के बच्चे मानते हैं कि वे तब तक शादी नहीं करेंगे जब तक वे अच्छी तरह से सेटल नहीं हो जाते और उन्हें सही जीवन साथी नहीं मिल जाता। ऐसे में इसका असर प्रजनन क्षमता पर भी दिखने लगता है। विज्ञान के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं की फर्टिलिटी कम होने लगती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है। एग फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं की प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रखा जाता है ताकि महिलाएं भविष्य में मां बनकर अपने परिवार को बढ़ा सकें।
अंडा जमने की प्रक्रिया क्या है?
एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया में महिलाओं के एग को कलेक्ट करके फ्रीज किया जाता है। फिर बाद में उन्हें सामान्य किया जाता है और प्रजनन उपचार में उपयोग किया जाता है। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होती जाती है। एग फ्रीजिंग महिलाओं के लिए स्वस्थ अंडे को सुरक्षित रखता है। ऐसा करने से उनकी जैविक गति बाधित होती है और बाद में इनका उपयोग प्रजनन के लिए किया जाता है। अधिक उम्र में मां बनने की ख्वाहिश रखने वाली महिलाओं के लिए एग फ्रीजिंग वरदान है।
एग फ्रीजिंग महिलाओं की फर्टिलिटी को बरकरार रखने का एक तरीका है। एग फ्रीजिंग में परिपक्व अंडों को ओवरी से निकालकर लैब में शून्य तापमान पर फ्रीज किया जाता है। जब महिला को इन अंडों की आवश्यकता होती है, तो उन्हें शुक्राणु के साथ मिलाकर गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। एग फ्रीजिंग को चिकित्सकीय रूप से क्रायोप्रिजर्वेशन कहा जाता है।
लोग एग फ्रीजिंग क्यों करते हैं?
जन्म के समय से ही लड़की के गर्भ में अंडे होते हैं, जिससे वह बड़ी होकर मां बनती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इन अंडों की संख्या कम होने लगती है। इस वजह से महिला में बांझपन हो सकता है, लेकिन एग फ्रीजिंग के कारण अब मां किसी भी उम्र में बन सकती है। अब एग-फ्रीजिंग प्रक्रिया के जरिए एक महिला अपने एग को फ्रीज कर सकती है और भविष्य में मां बनने के लिए उनका इस्तेमाल कर सकती है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर या विशेषज्ञ महिला के गर्भ से सबसे मजबूत या सबसे परिपक्व अंडे को निकाल कर फ्रीज कर देते हैं। फिर जरूरत पड़ने पर उन्हें प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ मिलाकर महिला के गर्भ में डाला जाता है।
एग फ्रीजिंग को लेकर जागरुकता जरूरी
भारत में एग फ्रीजिंग को लेकर अभी भी ज्यादा जागरुकता नहीं है। हालांकि, पूर्व मिस वर्ल्ड डायना हेडन, टीवी अभिनेत्री मोना सिंह, अभिनेत्री काजोल की बहन तनीषा मुखर्जी और प्रियंका चोपड़ा जैसी कई मशहूर हस्तियों ने एग फ्रीज कराया है। जब वह एक इंटरव्यू में अपने एग-फ्रीजिंग सफर के बारे में बात करती हैं, तो इस विषय पर चर्चा छिड़ जाती है। इस तरह की वास्तविक जीवन की कहानियां लोगों को एग फ्रीजिंग के बारे में और जानने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। ऐसे में समय के साथ इसकी स्वीकार्यता भी बढ़ी है।