अनार एक ऐसा फल है जिसका मांग सालों भर बना रहता है और इस फल में कई तरह के विटामिंस मौजूद होते हैं. हर मौसम में अनार की मांग बनी रहती है और अनार काफी महंगा भी बिकता है. हर बीमारी में अनार किसी संजीवनी से कम नहीं साबित होता है.
शरीर में खून की कमी को पूरा करने के साथ-साथ कई ऐसे बीमारी होते हैं जिस को दूर करने में अनार फायदेमंद होता है. भारत में मुख्य रूप से अनार की खेती की जाती है. कर्नाटक उत्तर प्रदेश बिहार राजस्थान मध्य प्रदेश और कई ऐसे राज्य हैं जहां पर अनार की खेती आजकल बहुत ही ज्यादा की जाने लगी है.
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अभी अगर अनार की खेती करना चाहते हैं तो आपको अनार की उन्नत खेती के बारे में अवश्य जानकारी होना चाहिए. अनार का एक पेड़ आपको 25 सालों तक फायदा दे सकता है क्योंकि एक बार पौधा लगाने के बाद काफी लंबे समय तक इससे मुनाफा होता है. तो आइए जानते हैं अनार की उन्नत खेती करने का तरीका….
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अनार की खेती के लिए आपको शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है क्योंकि अनार का पौधा सूख जलवायु में ही ज्यादा बढ़ता है. इसके साथ ही साथ जल निकासी के लिए भी आपको बेहतरीन उपाय करना होगा. आपको बता दें कि अनार का पौधा रेतीली दोमट मिट्टी में काफी अच्छे से विकास करता है. आप अगर चाहते हैं कि अनार की बेहतर पैदावार हो तो सबसे पहले आप उन्नत किस्म के बीज का चयन करें.
महाराष्ट्र के किसान अनार की खेती के लिए गणेश किस्म का चयन करते हैं. बता दें कि यह किस फल के मध्यम आकार का होता है और इससे कोमल व गुलाबी रंग का अनार आता है.
अनार की बेहतरीन किस्में
ज्योति किस्म- बता दें कि यह अनार का बड़ा किस्म है इसमें बड़े-बड़े फल लगते हैं. साथ ही साथ इसमें अनार के लाल लाल दाने आते हैं और यह खाने में बहुत ज्यादा मीठे लगते हैं.
मृदुला किस्म- इसके फल मध्यम आकार के चिकनी सतह वाले गरे लाल रंग के होते हैं. बीज लाल रंग के मुलायम, रसदार और मीठे होते हैं. इस किस्म के फलों का औसत वजन 300 ग्राम तक होता है.
भगवा किस्म- इस किस्म के फल बड़े आकार के और भगवा रंग के चिकने चमकदार होते हैं. बीज मुलायम होते हैं. यह किस्म राजस्थान और महाराष्ट्र के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है.