राजस्थान विधानसभा चुनाव में अभी 6 महीने बाकी हैं लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर जुबानी हमला करने में पीछे नहीं हैं. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी कहां पीछे रहने वाली हैं। जी हां, पहली बार पूर्व सीएम ने वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मिलीभगत के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी है।
बता दें कि राजे सूरतगढ़ के दौरे पर थीं और यहां उन्होंने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर कहा कि कई लोग षड्यंत्रपूर्वक एक ही झूठ बोल रहे हैं कि ‘मिले हैं, मिलीभगत है’. आगे बोलते हुए राजे ने कहा कि जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, उनसे कोई कैसे मिल सकता है.
राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर कहा कि जिनसे रोज अपशब्द और अभद्र भाषा सुनने को मिलती है, उनसे सांठगांठ कैसे संभव है. क्या दूध और नींबू का रस कभी मिल सकता है? पूर्व सीएम ने कहा कि नए राजनेता हैं। हल्दी की क्या गांठ मिल जाए इन्हें, इन्हें पंसारी समझते हैं, न छोटों से अच्छा व्यवहार और न बड़ों का सम्मान। बता दें कि हाल ही में पायलट ने राजे और गहलोत पर मिलीभगत का आरोप लगाया था.