आंखें शरीर का बहुत ही नाजुक और अहम हिस्सा होती हैं। इनकी उचित देखभाल से आंखों की रोशनी अच्छी बनी रहती है और आंखें लंबे समय तक स्वस्थ रहती हैं। इसलिए जरूरी है कि आंखों के हर हिस्से से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान दिया जाए। कभी-कभी संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है और आंखों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। आंख का ऐसा ही एक हिस्सा है पलक। यह वह हिस्सा है जहां पलकें जुड़ी होती हैं। यह हिस्सा आंखों की सुरक्षा के लिए एक आवरण या पर्दे की तरह काम करता है। बाहरी धूल, धुआं, कचरा और हानिकारक कणों को आंखों में जाने से रोकने में इसकी भूमिका अहम होती है। कभी-कभी इस हिस्से में सूजन, लालिमा, फुंसियां या अन्य समस्याएं विकसित हो जाती हैं। इन समस्याओं का समय पर और सही तरीके से निदान और उपचार करना आवश्यक है। आइए जानते हैं कैसे रखें ख्याल और किन बातों का रखें ध्यान।
आंखों के आसपास की त्वचा में बहुत कोमल ऊतक होते हैं। जब किसी कारणवश इन ऊतकों में तरल पदार्थ भर जाता है तो यह भाग सूज जाता है। इसमें कभी-कभी खुजली, दर्द और जलन भी हो सकती है। यह स्थिति कई समस्याओं का संकेत हो सकती है। जैसा-
– कोई एलर्जी
-ब्लेफेराइटिस
– गुलाबी आँख
-दाद
पलकों में एक तेल ग्रंथि की रुकावट
पलकों की त्वचा पर पिंपल्स
आंख के सॉकेट के आसपास संक्रमण
कोई भी थायराइड विकार
राहत देने वाले घरेलू उपाय :
आंखों पर साफ सूती गीला कपड़ा दिन में दो बार 10-15 मिनट के लिए रखें। यह आंखों के आसपास की ग्रंथियों में जमा अतिरिक्त तेल को दूर करने और पलकों पर जमा पपड़ी को दूर करने में मदद करेगा।
इंफेक्शन हो या पिंपल, अपनी आंखों को कभी भी रगड़ें या मलें नहीं। इसके बजाय बेहद हल्के हाथों से साफ और मुलायम सूती कपड़े, रुमाल या रूई से आंखों को साफ करें। डॉक्टर की सलाह से साफ और गुनगुने पानी या एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसे आंखों के अंदर न जाने दें।
संक्रमण या पिंपल्स या सूजन के दौरान आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने की कोशिश करें। मोबाइल, किताबें, टीवी, लैपटॉप आदि का इस्तेमाल कम करें और हो सके तो आंखें बंद करके लेट जाएं।
मेकअप, कॉन्टैक्ट लेंस या आंखों के किसी भी सामान के इस्तेमाल से बचें।
अगर आंखों में ड्राईनेस की समस्या है तो इसके उपाय करें।
अगर एक-दो दिन में सूजन, आंखों से पानी आना, जलन या खुजली में आराम न मिले तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।