Health Tips: प्रदेश में गर्मी बढ़ गई है. खासकर विदर्भ और मराठवाड़ा में इसका असर काफी हद तक महसूस किया जा रहा है. पिछले आठ से दस दिनों से तापमान औसत से ऊपर और 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। गर्मी में बढ़ते तापमान के कारण कई बीमारियां बढ़ जाती हैं। गर्मियों में होने वाली सबसे बड़ी बीमारी है हीट स्ट्रोक। ज्यादा देर तक धूप में काम करने से शारीरिक परेशानी हो सकती है। हीटस्ट्रोक क्या है? आइए जानते हैं इस संबंध में और जानकारी ‘ डॉक्टर टिप्स‘ के जरिए ।
हीटस्ट्रोक क्या है?
इस संबंध में डॉ. आनंद काकानी, (न्यूरोसर्जन, रेडियंट हॉस्पिटल, अमरावती) का कहना है कि हीटस्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है, जो तापमान के बहुत ज्यादा बढ़ने पर शरीर में डिहाइड्रेशन के कारण होती है। हमारे शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तापमान का बहुत अधिक बढ़ना या गिरना मस्तिष्क, रक्त संचार को प्रभावित कर सकता है।
हीट स्ट्रोक के मुख्य प्रकार क्या हैं?
- हीट रैशेज – पसीना आना।
- हीट क्रैम्प्स- मांसपेशियों में चमकती, लचीली फिलिंग।
- चक्कर आना/बेहोशी- अत्यधिक पसीने के कारण शरीर में पानी और नमक की कमी के कारण चक्कर आना और ब्लड प्रेशर कम होना।
- रबडोमायोलिसिस- तेज धूप में लगातार काम करने और पर्याप्त पानी न पीने के कारण पेशियों की कोशिकाएं नष्ट होकर विघटित होकर मर जाती हैं। नतीजतन, दिल अनियमित रूप से धड़कता है, गुर्दे का कार्य धीमा हो जाता है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं?
हीटस्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में थकान, चक्कर आना और सुस्ती महसूस करना शामिल है। इन लक्षणों का समय रहते इलाज न किया जाए तो त्वचा रूखी हो जाती है, रक्तचाप बढ़ जाता है। मानसिक अवसाद का बढ़ना, शरीर का तापमान बढ़ना, बेहोशी महसूस होना।
गर्मी में लू से कैसे बचें?
- दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें।
- बाहर जाते समय गॉगल्स, कैप, बॉडी कवर, स्कार्फ पहनें।
- गर्मियों में सूती कपड़ों का प्रयोग करें।
- उचित जलयोजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। दिन में कम से कम ढाई से तीन लीटर पानी पिएं।
- पानी के अलावा आप जूस का भी सेवन कर सकते हैं। जैसे, कलिंगाद जूस, छाछ, नारियल पानी आदि।