उत्तराखंड एटदरेट 25 चिंतन बैठक के अंतिम दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में खेती और बागवानी को बंदर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग खेती और बागवानी में कम रुचि ले रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन भी हो रहा है। पहाड़ की चुनौतियों और मजबूत राज्य के निर्माण में आ रही समस्याओं पर चर्चा और समाधान की तलाश के मकसद से पहाड़ों की रानी मसूरी में सशक्त उत्तराखंड एटदरेट 25 चिंतन बैठक हुई, जिसमें पूरी ब्यूरोक्रेसी ने मंथन किया, सुझाव दिया और उन पर अमल करने की शपथ भी ली। यही नहीं, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु ने भी चिंता जाहिर करते हुए सुझाव दिए।
इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए संबंधित विभागों को भी वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने होंगे। वन विभाग, कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर इस समस्या का समाधान निकाला जाए।
वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक अनूप मालिक ने बताया गया कि पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए बंदरों को पकड़कर इनकी नसबंदी की जा रही है। वहीं, हाथी एवं बाघ के पारंपरिक गलियारों को रिस्टोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए स्टेट एक्शन प्लान बनाया जाएगा। साथ ही संवेदनशील इलाकों में रैपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया जाएगा, स्टेक होल्डर्स यानि स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।