वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और सांसद मनीष तिवारी ने नेवी के आठ पूर्वकर्मियों के कतर में हिरासत होने का फिर से मुद्दा उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘108 दिन बाद भी उनको हिरासत में रखा जा रहा है. मेरे विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि उनमे से कुछ ही हालत ठीक नहीं है. मैंने लोकसभा के शून्यकाल में मामला उठाया था और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा था जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया.
मनीष तिवारी ने इससे पहले लोकसभा में इस मामले में उठाया था. उन्होंने कहा था कि कतर में हिरासत में लिये गये भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की सुरक्षित रिहाई होनी चाहिए. लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तिवारी ने कहा कि नौसेना के आठ रिटायर अधिकारी काफी समय से कतर में हिरासत में हैं और अभी तक यह भी पता नहीं है कि उनके खिलाफ क्या आरोप हैं. उन्होंने कहा कि कतर में हिरासत में लिये गए नौसेना के इन पूर्व कर्मियों पर आरोपों के बारे में उनके परिवार को भी नहीं बताया गया है.
1/1 It has been 108 days & 8 Retired Senior Officers of Indian Navy are being held in Solitary confinement in Qatar.I am reliably informed that some of them are not doing well at all. I had raised matter in Zero hour tabled a Calling Attention in Lok Sabha that Government refused
— Manish Tewari (@ManishTewari) December 19, 2022
1/2 to answer. My direct question to @DrSJaishankar what are the charges against these Navy veterans? Why are they being held incommunicado? What have you done so far to get them released? Simply terming issue sensitive & refusing to answer Calling Attention Motions will not do.
— Manish Tewari (@ManishTewari) December 19, 2022
‘इन पूर्व अधिकारियों पर आरोप क्या हैं’?
उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सवाल पूछते हुए कहा है कि नौसेना के इन पूर्व अधिकारियों पर क्या आरोप हैं जिसकी वजह से इनको हिरासत में रखा गया है? आपने उन्हें रिहा करने के लिए अब तक क्या किया है? केवल मुद्दे को संवेदनशील बताने और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों का उत्तर देने से इनकार करने से काम नहीं चलेगा. तिवारी ने लोकसभा में कहा था कि 90 दिनों तक इन्हें हिरासत में रखने के बाद अदालत में पेश किये जाने पर इनकी हिरासत 30 दिन और बढ़ा दी गई.
जयशंकर ने राज्यसभा में दिया था बयान
कांग्रेस सांसद ने सरकार से मांग की हैं कि वह कतर सरकार से सम्पर्क करे और इनकी सुरक्षित रिहाई कराये. इस मामले में विदेश मंत्री जयशंकर ने राज्यसभा में कहा था कि यह बेहद ही संवेदनशील मामला है. उन्होंने कहा, मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि उनकी सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरी है. हम इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. हमारे राजदूत और अधिकारी कतर की सरकार के लगातार संपर्क में हैं. जयशंकर ने कहा था, हमारा प्रयास स्पष्ट रूप से यह सुनिश्चित करने का है कि उनके साथ अनुचित व्यवहार न किया जाए और जल्द से जल्द हम उन्हें वापस ला सकें.
(भाषा इनपुट के साथ)