ताजिकिस्तान में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-चीन-ताजिकिस्तान सीमा पर गोनो बदख्शां प्रांत में था। भूकंप से नुकसान की कोई खबर नहीं थी, लेकिन ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, भारत, नेपाल और तुर्की तक झटके महसूस किए गए।
ताजिकिस्तान में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-चीन सीमा पर गोर्नो बदख्शां प्रांत में था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र 20 किलोमीटर जमीन के नीचे था। तड़के 5.37 बजे आए भूकंप के बीस मिनट बाद 5 तीव्रता का आफ्टरशॉक आया। ताजिकिस्तान में भूकंप के झटके सबसे ज्यादा महसूस किए गए। इसके अलावा चीन-अफगानिस्तान की दरार भी भड़क गई। नेपाल, भारत और तुर्की के कुछ हिस्सों में हल्के प्रभाव की सूचना मिली थी। भूकंप की तीव्रता चीन के रिक्टर पैमाने पर 7.2 जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के रिक्टर पैमाने पर 6.8 दर्ज की गई।
डच शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने तीन दिन पहले ही तुर्की के भूकंप की भविष्यवाणी कर दी थी। इसी रिसर्चर ने भारत-अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भूकंप की भविष्यवाणी की थी। शोधकर्ताओं के बीच इस बात पर बहस शुरू हो गई कि क्या यह भूकंप भविष्यवाणी के मुताबिक हुआ या फिर भारत में एक और बड़े भूकंप की आशंका है। एक डच शोधकर्ता ने कहा कि भारत में प्रशांत महासागर में एक बड़ा भूकंप आ सकता है या भूकंप का केंद्र हिमालय की सीमा में भी हो सकता है। हालाँकि, इस शोधकर्ता के पास इस बात का कोई डेटा नहीं है कि ये भूकंप कब आते हैं।