Cumin farming News : जीरे की खेती से किसान कर सकते बंपर कमाई, जानिए कम समय में बुवाई के लेकर कमाई तक की आसान प्रोसेस। भारतीय रसोई की कल्पना मसालों के बिना नहीं की जा सकती हैं। मसालों का अधिकतर उपयोग भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। जीरा भी ऐसा ही एक प्रमुख मसाला है। जीरे का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक हर्बल दवाओं के रूप में भी किया जा सकता है। आइये जानते है कैसे आप भी जीरे की खेती (Cumin farming) करके तगड़ी कमाई कर सकते है।
जीरे की खेती के लिए बेहतर किस्मो का करे चुनाव
आपकी जानकारी के लिए बता दे भारत में जीरे का उत्पादन लगातार बढ़ते जा रहा है। अगर जीरे की खेती (Cumin farming)सही तरीके से की जाए तो किसान लाखों से लेकर करोड़ों तक की कमाई की जा सकती है। जीरे की खेती के लिए कुछ खास किस्मे की खेती करके आप तगड़ी कमाई कर सकते है। जीरे की बेहतर किस्में आरजेड 19 और 209, RZ 223 और GC 1-2-3 जैसी खास किस्मे शामिल है। इन जीरो के किस्मों की उत्पादन का समय 120-125 दिन का है। इन किस्मों की औसतन उपज प्रति हेक्टेयर 510 से 530 Kilogram है। किसान इनमें से किसी एक किस्म का चुनाव करके कम समय में जीरे की खेती (Cumin farming) करके अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है। आइये जानते है जीरे की खेती के लिए किस मिटटी की आवश्यकता होती है।
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जीरे की खेती के लिए दोमट मिट्टी की जरुरत होती है
जानकारी के लिए बता दे जीरे की खेती आर्द्र और भारी वर्षा में अच्छी तरह से नहीं बढ़ती है। जीरे की खेती (Cumin farming) मध्यम शुष्क और ठंडी जलवायु में अच्छी तरह से पनपता है और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु इसके लिए सही साबित हो सकता है। जीरे की खेती के लिए दोमट मिट्टी की जरुरत होती है जिसमें कार्बनिक पदार्थों के साथ अच्छी जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। यदि आप व्यावसायिक खेती की योजना बना रहे हैं तो ऐसे खेतों का चुनाव करके अच्छा उत्पादन कर सकते है। जीरे की खेती (Cumin farming) आप कैसे आसानी से करके मालामाल बन सकते है। जानिए खेती करने का आसान तरीका।
जानिए जीरे की खेती करने का आसान तरीका
अगर आप भी कम समय में अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहते है तो आप इस आसान प्रोसेस से खेती करके मालामाल बन सकते है। जीरे की खेती (Cumin farming) के लिए सबसे पहले खेत की तैयारी करें .जीरे की खेती शुरू करने से पहले खेतों में 5 से 8 फीट की क्यारी बना लेना चाहिए। फिर उसमें बीज का छिड़क करना होगा। बीज छिड़काव के बाद बीजों को मिट्टी से मिला दें ताकि बीजों पर मिट्टी की हल्की परत चढ़ जाती है। याद रहे मिट्टी की परत एक सेंटीमीटर से ज्यादा मोटी नहीं होनी चाहिए। खाद डालकर सिंचाई करना चाहिए। जीरे की खेती के लिए नवंबर से दिसंबर तक का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। जानिए जीरे के सेवन से किन बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
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जीरे के सेवन से इन बीमारियों से मिलेंगा छुटकारा
अगर आप भी जीरे का सेवन करते है तो जीरे का इस्तेमाल पेट दर्द, मोटापा, पाचन और बवासीर, अस्थमा, अनिद्रा, त्वचा विकार, श्वसन संबंधी विकार, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों से निजात दिला सकता है। भारत में प्रमुख जीरा उत्पादक राज्य गुजरात और राजस्थान हैं। आप भी जीरे की खेती करके तगड़ी कमाई कर मालामाल बन सकते है।