पपीता गर्भावस्था में: गर्भवती महिलाओं को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था एक ऐसा महत्वपूर्ण समय होता है, जब एक छोटी सी गलती भी गर्भपात का कारण बन सकती है। क्या खाएं और क्या न खाएं इस बात का बहुत ध्यान रखना चाहिए। कुछ फल संतुलित आहार का हिस्सा होते हैं, जैसे पपीता। लेकिन आपने कई बार सुना होगा कि गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर पपीता खाने से परहेज करना चाहिए। इसी तरह अंगूर के लिए कहा जाता है कि अंगूर के छिलके को पचाना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को भी इससे बचना चाहिए। अनन्नास से गर्भपात होने का भी शक होता है। अब सवाल उठता है कि गर्भवती महिलाओं को पपीता खाने से परहेज क्यों कहा जाता है? चलो पता करते हैं…
गर्भवती महिलाओं को पपीता क्यों नहीं खाना चाहिए ?
गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने को लेकर कई लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां होती हैं। पका हुआ पपीता गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता है। जबकि कच्चा पपीता अच्छा नहीं होता है।
पका हुआ पपीता (पीली त्वचा वाला)
पके पपीते में होते हैं कई तत्व…
बीटा कैरोटीन
कोलीन
फाइबर
फोलेट
पोटैशियम
विटामिन ए, बी और सी
कच्चा पपीता (हरी त्वचा के साथ)
कच्चे पपीते में भी कई गुण होते हैं, जैसे-
लाटेकस
पपैन
पपीता लेटेक्स से क्यों बचें?
यह गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर कर सकता है, जिससे समय से पहले प्रसव पीड़ा हो सकती है।
कच्चे पपीते में पपेन होता है, जिसे शरीर गलती से प्रोस्टाग्लैंडीन समझ सकता है। यह भ्रूण को सहारा देने वाली महत्वपूर्ण झिल्लियों को भी कमजोर कर सकता है।
यह एक सामान्य एलर्जेन है, जो कुछ खतरनाक प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकता है।
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