मुरैना के लेपा भीण्डसा में एक ही परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी गई. आपको बता दें कि इस गांव से 9 किलोमीटर दूर एक कुएं के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं जिसकी पानी जो भी पीता है वह बागी बन जाता है. स्कूल की वजह से ही गांव को 2 किलोमीटर दूर भी है स्थापित किया गया था ताकि कोई भी इस कुएं का पानी ना पिए.
चंबल के इस कुआं का पानी पीने वाले बन जाते हैं बागी,रहस्यमई है कुआं, अंग्रेज भी कांपते थे इसके डर से
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आपको बता दे यह कुआं तोमर जाति के लोगों की कुलदेवी काली मां के मंदिर परिसर में स्थित है.कोंथर कला गांव के पहले किरारो की बस्ती थी. आपको बता दे उस समय इस नदी के किनारे स्थित काली मंदिर के पास ही यह गांव बसा हुआ था. अंग्रेजों के समय में पहले यहां पर लगान वसूलने की प्रथा चलती थी.
चंबल के इस कुआं का पानी पीने वाले बन जाते हैं बागी,रहस्यमई है कुआं, अंग्रेज भी कांपते थे इसके डर से
लगान उसने की जिम्मेदारी कुरेठा गांव के निवासी उदय राज सिंह तोमर को दिया गया था. मंदिर में रहने वाले साधू रामकृष्ण दास ने जानकारी दिया कि लगान वसूलने को लेकर किराडू का उदय राज सिंह से विवाद हो गया उसके बाद किररों ने उदय राज सिंह तोमर की हत्या कर दी.
जब यह खबर कुरेठा गांव पहुंची तो उनके परिवार और गांव के तोमर ठाकुर काफी गुस्से में हो गए. उन्होंने बदला लेने के लिए गांव पर हमला कर दिया. बता दे कि कई लोग वहां मर गए और बाकी जो बचे वह गांव छोड़कर चले गए. उसके बाद तो मरो के द्वारा इस जमीन पर कब्जा कर दिया गया और तब से लोग यही रहने लगे.
आपको बता दें कि राधेश्याम सिंह तोमर ने कहा कि आज मान्यता है कि जो भी इस गांव के कुएं का पानी पी लेता है उसका स्वाभिमान जग जाता है और उसके अंदर आक्रोश या उत्तेजना पैदा हो जाती है और लोग एक दूसरे को मारने पर हावी हो जाते हैं. तोमर इश्क में से जुड़ी कहानी बताते हुए कहे कि 100 साल पहले सिंधिया रियासत के समय इस गांव के मोहन सिंह तोमर सबसे बड़े बागी बने थे.