इस्लामाबाद : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की जमानत याचिका पर दो सदस्यीय विशेष खंडपीठ सुनवाई करेगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी को ‘गैरकानूनी’ करार दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार पूर्वाह्न 11:30 बजे के तुरंत बाद अदालत में पहुंचने के तुरंत बाद खान को बायोमेट्रिक्स के लिए ले जाया गया। वह अल-कादिर ट्रस्ट मामले में जमानत के लिए दो सदस्यीय पीठ के समक्ष पेश होंगे।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने खान की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए एक विशेष खंडपीठ का गठन किया है, जिसमें न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब और न्यायमूर्ति समन रफत इम्तियाज शामिल हैं।
खान के वकील फैसल हुसैन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ”हमें उम्मीद है कि हाई कोर्ट जमानत दे देगा।”
इससे एक दिन पहले हाई कोर्ट ने पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी को ‘वैध’ करार दिया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को खान की हाई कोर्ट परिसर से गिरफ्तारी को ‘अवैध’ करार देते हुए उन्हें आज (शुक्रवार) इस्लामाबाद हाई कोर्ट के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।
फैसले में कहा गया है, ‘राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अध्यक्ष का अल-कादिर ट्रस्ट मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट के परिसर में 01 मई, 2023 को जारी गिरफ्तारी वारंट को लागू करने का तरीका अमान्य और गैरकानूनी है।
खान को मंगलवार (9 मई) को अर्धसैनिक बलों ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। पूर्व प्रधानमंत्री ने रिहाई के लिए तुरंत अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने उनकी गिरफ्तारी को वैध घोषित कर दिया था।
पिछले साल अप्रैल में पद से हटाए जाने के बाद से खान ने मध्यावधि चुनाव के लिए जोरदार प्रचार अभियान चलाया है और गठबंधन सरकार तथा सेना की अभूतपूर्व आलोचना की है। उन्होंने वरिष्ठ सैन्य और सरकारी अधिकारियों पर नवंबर में हत्या के प्रयास की साजिश रचने का आरोप लगाया था, जिसमें एक रैली के दौरान उनके पैर में गोली लगी थी।