गर्मी में हार्ट अटैक: अप्रैल में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। वहीं, आने वाले मई और जून के महीनों में सूरज का तापमान और भी ज्यादा बढ़ेगा। चिलचिलाती गर्मी के कारण जहां सेहत को खतरा पैदा हो जाता है वहीं दिल के मरीजों के लिए यह समय काफी मुश्किल हो जाता है। अगर आपको भी लगता है कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा आते हैं तो जान लें कि गर्मी दिल के लिए उतनी ही हानिकारक होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक गर्मियों में दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है और हार्ट अटैक समेत कई अन्य दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग, दिल्ली के कार्डियोलॉजी विभाग के कार्डियक साइंसेज के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. चंद्रशेखर का कहना है कि गर्मी के मौसम का दिल पर बहुत प्रभाव पड़ता है। खासतौर पर उन लोगों में जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी है या वे जोखिम भरी स्थिति में हैं। गर्मी के मौसम में अत्यधिक पसीना आता है जो डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। इससे रक्त की मात्रा कम हो जाती है और इससे हृदय पर दबाव पड़ता है।
गर्मी के मौसम में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके कारण दिल की धड़कन बढ़ सकती है और इससे हृदय पर अतिरिक्त भार या दबाव पड़ता है। इन दिनों त्वचा की रक्त वाहिकाएं तनु हो जाती हैं जिससे शरीर के अन्य भागों में रक्त की आपूर्ति कम हो सकती है। अत्यधिक पसीने से शरीर में सोडियम और पोटेशियम का महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है, और यह विद्युत गतिविधि को भी प्रभावित करता है, जिससे अतालता हो सकती है। जिसमें दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है और जान का खतरा बढ़ जाता है।
गर्मी में हो सकते हैं दिल के ये रोग
हीट एग्जॉशन
हीट स्ट्रोक
हार्ट अटैक
गर्मी के मौसम में कैसे रखें अपने दिल का ख्याल?
डॉ. चंद्रशेखर बताते हैं कि दिल का ख्याल रखने के लिए इस मौसम में कुछ चीजें करना जरूरी होता है।
-इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।
-अधिकतम तापमान में बाहर न निकलें। घर से बाहर कोई काम हो तो उसे दोपहर के समय करने से बचें।
-हल्के और सूती कपड़े पहनें।
-इस मौसम में बाहर काम करने या व्यायाम करने से बचें।
-कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह अवश्य लें।
-शराब, कैफीन यानी कॉफी और चाय आदि डिहाइड्रेटिंग चीजों की मात्रा कम से कम रखें।
-गर्मी के मौसम में खान-पान हल्का रखें। न ज्यादा गर्म और न ज्यादा ठंडा सेवन करें।