Atiq ahmed and Ashraf Murder Case : अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में प्रतिदिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपित लारेंस विश्नोई बनना चाह रहे थे. पूछताछ अब खुलासा हुआ है कि तीनों को नई दिल्ली के जितेंद्र गोगी गिरोह के संपर्कों से असलहे मिले थे. साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि तीनों आरोपित अस्पताल में अतीक-अशरफ को नहीं मारना चाहते थे. अतीक और अशरफ को मारने का प्लान कोर्ट में था.
सनी ने कई अहम राज खोले
दरअसल, प्रयागराज में पिछले दिनों पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी जाती है. आरोपी लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य को अतीक-अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां दागते हुए वीडियो में देखा जा सकता है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर दे दिया है. इसके बाद पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है. पुलिस पूछताछ में सनी ने कई अहम खुलासे किए हैं.
एनसीआर में कराना चाह रहे थे बड़ी घटना
सूत्रों के मुताबिक, सनी ने बताया कि उसे नई दिल्ली के जितेंद्र गोगी गिरोह के संपर्कों से हथियार मिले थे. जितेंद्र गोगी के गिरोह के लोग इन तीनों हमलावरों से दिल्ली-एनसीआर में किसी बड़ी घटना को अंजाम देना चाहते थे. कानपुर का बाबर भी जितेंद्र गोगी गिरोह से जुड़ा हुआ था. बाबर के जरिए ही ये लोग गोगी गैंग के संपर्क में आए थे.
लॉरेंश विश्वनोई बनना चाहते थे
सूत्रों के मुताबिक, गोगी गिरोह के लोग हथियार बनाते हैं और पंजाब से मंगाते भी हैं. ये तीनों हमलावर लॉरेंस विश्नोई बनना चाहते थे. कहीं भी सीसीटीवी फुटेज में ये तीनों हमलावर बाइक पर नहीं दिखे. सनी ने बताया कि अतीक-अशरफ की हत्या से पहले 13 अप्रैल को लखनऊ से बस से प्रयागराज पहुंचे थे. 14 अप्रैल को कोर्ट में ही अतीक और अशरफ अहमद को मारने का प्लान था. तीनों कालविन अस्पताल से डेढ़ किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन के सामने होटल में रुके थे.
डर खत्म करने के लिए नारे लगाए थे
सूत्रों के मुताबिक, 15 अप्रैल को दिन में ही कालवीन अस्पताल की रेकी की थी. दो नए मोबाइल खरीदे थे, लेकिन सिमकार्ड के लिए फर्जी आईडी नहीं जुटा पाए. एनसीआर कनेक्शन के चलते ही जितेंद्र गोगी ने एनसीआर चैनल की आईडी, बड़ा कैमरा, आई कार्ड दिया था. डर पर काबू पाने के लिए जय श्री राम का नारा लगाया. अब जेल में इज्जत बढ़ गई है.
कौन था जितेंद्र गोगी
बता दें कि दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दिल्ली पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में जितेंद्र गोगी टॉप पर था. गोगी जेल से ही अपना गैंग चलाता था. वह जेल में बैठे-बैठे ही रंगदारी, फिरौती के लिए अपहरण करने और हत्या करने का काम कर रहा था. गोगी गैंग और टिल्लू गैंग में अक्सर गैंगवार होती थी, इस गैंगवार में अब तक करीब 20 से ज्यादा बदमाश मारे जा चुके हैं.