किसानो के लिए बड़ी खुशखबरी, केंद्र सरकार ने देश के सबसे महंगे किस्म के गेहूं को GI टैग दिया, आप करे इस गेहूं की खेती और कमाए मोटा मुनाफा सीहोर के शरबती गेंहू की कीमत अन्य किस्मों से अधिक है. जहां लोकल और अन्य किस्मों का गेहूं 1800 से लेकर 2500 रुपये तक में बिकता है. वहीं, शरबती गेहूं 4500 रुपये तक में बिक जाता है. इस गेहूं में प्रोटीन और विटामिन भी अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा होता है.
इस गेहूं में प्रोटीन और विटामिन भी Protein and vitamins in this wheat
मध्य प्रदेश का सीहोर शरबती गेहूं के उत्पादन के देश-दुनिया में काफी मशहूर है. बेहतरीन स्वाद और सोने जैसी चमक वाले इस गेहूं की बाजार में हमेशा अच्छी-खासी डिमांड बनी रहती है. सीहोर के इस गेहूं को अब केंद्र सरकार द्वारा GI टैग दे दिया है. सीहोर जिले के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक शरबती गेहूं को आवेदन क्रमांक 699 के संदर्भ में जीआई टैग जारी किया गया है.
किसानो के लिए बड़ी खुशखबरी, केंद्र सरकार ने देश के सबसे महंगे किस्म के गेहूं को GI टैग दिया, आप करे इस गेहूं की खेती और कमाए मोटा मुनाफा
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4500 रुपये क्विंटल तक है कीमत The price is up to Rs 4500 per quintal
अच्छी कीमत के चलते देशभर के व्यापारियों में इस गेहूं की अच्छी-खासी डिमांड है. इस गेहूं की कीमत अन्य किस्मों से अधिक है. जहां लोकल और अन्य किस्म का गेंहू 1800 से लेकर 2500 रुपये क्विंटल तक में बिकता है. वहीं, शरबती गेंहू 4500 रुपये क्विंटल में बिक जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, शरबती गेहूं में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन B और E पाया जाता है. ये स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है.
कृषि अधिकारी ने किसानों को दी बधाई Agriculture officer congratulated the farmers
किसानो के लिए बड़ी खुशखबरी, केंद्र सरकार ने देश के सबसे महंगे किस्म के गेहूं को GI टैग दिया, आप करे इस गेहूं की खेती और कमाए मोटा मुनाफा कृषि मौसम विस्तार अधिकारी डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि शरबती गेहूं के GI टैग मिलने के लिए किसान बधाई के पात्र हैं. यहां के शरबती गेहूं ठीक-ठाक प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा सीहोर की भूमि और पानी में भी गेहूं में चमक बहुत अच्छी आती है. ऐसे में यहां उगाए गए गेहूं की पूरे देशभर में मांग है.
किसानो के लिए बड़ी खुशखबरी, केंद्र सरकार ने देश के सबसे महंगे किस्म के गेहूं को GI टैग दिया, आप करे इस गेहूं की खेती और कमाए मोटा मुनाफा
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क्या होता है GI टैग? What is GI tag?
GI यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी प्रोडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है. भारतीय सांसद में वर्ष 1999 में रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स’ लागू किया गया था. इसके तहत भारत के किसी भी क्षेत्र में पाए जाने वाली विशिष्ट वस्तु का कानूनी अधिकार उस राज्य को दे दिया जाता है. आसान शब्दों में कहें तो किसी भी क्षेत्र का क्षेत्रीय उत्पाद वहां की पहचान होता है. उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है, जिसे जीआई टैग यानी जीयोग्राफिकल इंडिकेटर कहते हैं.