China-Taiwan Conflict: चीन ताइवान के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर रहा है। चीन ने अब 16 से 18 अप्रैल के बीच ताइवान के हवाई क्षेत्र को बंद करने का फैसला किया है। वैश्विक विशेषज्ञों ने चीन के इस कदम पर चिंता व्यक्त की है और इसे अगस्त के बाद से चीन का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन बताया है, जो ताइवान को हड़पने की उसकी मंशा का संकेत देता है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चीन ताइवान के एक निश्चित हिस्से में हवाई क्षेत्र को बंद करेगा. ऐसे में वहां से नागरिक उड़ानें नहीं चल पाएंगी, मतलब वहां से उड़ानें बंद हो जाएंगी और दूसरे देशों के जेट वहां नहीं जा सकेंगे. दूसरे देश के हवाई क्षेत्र को बंद करने का चीन का यह कदम बेहद साहसिक है। ऐसा करके चीन अमेरिका को अपनी ताकत का अहसास कराना चाहता है और दूसरा वह ताइवान के खिलाफ छोटे पैमाने पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। छोटे से देश ताइवान पर चीन का एक छोटा सा हमला भी बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है।
चीन के इस कदम से अमेरिका-जापान की 70 फीसदी उड़ानें बंद हो जाएंगी
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान पर एक फरमान जारी करते हुए कहा कि ताइवान उसका है और वह इसके लिए किसी भी हद तक जाएगा। इसके बाद खबर आती है कि चीन उत्तरी ताइवान के हवाई क्षेत्र को बंद करने जा रहा है। ताइवान के एक अधिकारी ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि अब उड़ान प्रतिबंध से इलाके में करीब 70 फीसदी हवाई यातायात प्रभावित होगा. जिसका सीधा असर अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान आदि की उड़ानों पर पड़ेगा।
अमेरिकी सेना ने भी युद्ध अध्ययन शुरू किया
चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए अमेरिकी सेना ने भी प्रशांत महासागर में युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। दक्षिण चीन सागर में स्थित और हजारों द्वीपों से मिलकर बने देश (फिलीपींस) फिलीपींस में अमेरिकी सेना के हजारों जवान अपनी ताकत का प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां ट्रेनिंग में अमेरिका और फिलीपींस के 17 हजार से ज्यादा सैनिक हिस्सा ले रहे हैं।