महिलाओँ की सुंदरता को बढ़ाता हैं गधी के दूध से बना साबुन, 500 रु में बिकता है मात्र 1 पीस, सुल्तानपुर जिले के तीन दिवसीय दौरे पर आई पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद मेनका गांधी ने शनिवार को हर्ष महिला महाविद्यालय में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आगे बढ़ने के टिप्स दिए। देहली बाजार में कहा कि गाय, बकरी पालन से कोई अमीर नहीं बन सका है। पशुपालकों की पूरी जिंदगी उसी में खप जाती है।
पशुओं के मरने पर पालकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए लखनऊ के चिकन कपड़े के कारोबार, गोबर के कंडे से लकड़ी बनाने और गधी के दूध से साबुन बनाने का टिप्स दिया। बताया कि लद्दाख में गधे कम हो रहे थे।
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स्वयं सहायता समूह ने गधी के दूध से साबुन बनाना किया शुरू
इसे देखकर एक स्वयं सहायता समूह ने गधी के दूध से साबुन बनाना शुरू किया। इसके बाद उसकी आमदनी बढ़ गई। बताया कि दिल्ली में गधी के दूध से बना साबुन ₹500 प्रति पीस के हिसाब से बिक रहा है। महिलाएं गधी और बकरी के दूध से साबुन बनाए तो वह जल्द अमीर बन सकती हैं।
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गधी के दूध से बना साबुन बढ़ाता है महिलाओ की सुंदरता
कार्य से लुप्त हो रहे गधे पर भी अंकुश लग सकेगा। साबुन के महत्व के बारे में भी उन्होंने लोगों को जानकारी दी। बताया कि एक विदेशी रानी गधी के दूध से बने साबुन से नहाती थीं। यह माना जाता है कि गधी के दूध से बना साबुन महिलाओं के सौंदर्य को बढ़ाता है। उन्होंने गधी और बकरी के दूध से साबुन बनाने पर महिलाओं को बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध कराने का वादा किया।
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