इंदौर अपने स्वाद के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है और लोग इसे जायके का शहर भी कहते हैं. खाने के शौकीन लोगों के लिए यह बहुत प्रसिद्ध जगह है और यहां खाने के शौकीनों की भीड़ लगी रहती है.
आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने वाले हैं जहां 72 साल की दादी अपने हाथों से मिठाई तैयार करती है और ऐसा वह पिछले 31 साल से कर रही है. यह मशहूर दुकान इंदौर के गीता भवन चौराहे से गीता भवन मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते पर है.
लोग इसे रसगुल्ला हाउस के नाम से जानते हैं. आपको बता दें कि घर के नीचे बनी है दुकान सालों पुरानी है और दुकान का नाम है रसगुल्ला हाउस तो यह रसगुल्ला ही मिलता है.
MP की 72 साल की यह दादी है युवाओं के लिए मिसाल,खुद के हाथों से बनाती है रसगुल्ला,इतनी उम्र में भी है आत्मनिर्भर
उनको बता दे विभूति भूषण ड्राई 10 वाले साल की उम्र में कोलकाता से इंदौर आए और यह जीविका चलाने के लिए मिठाई का काम शुरू किया. यह उनका फैशन बन गया और मिठाई बनाना सीखने के लिए उन्होंने इंदौर की मशहूर दुकान पर काम किया और उन्होंने बंगाली मिठाई बनाने महारत हासिल की.
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उनकी पत्नी ने भी उनसे मिठाई बनाना सीखा और 1992 में अचानक विभूति भूषण राय का निधन हो गया जिसके बाद वह अपनी पत्नी और 15 साल की बेटी रेनू और वह रसगुल्ला हाउस छोड़कर.
पति के जाने के बाद पत्नी ने हौसला दिखाया और यह दुकान खुद चलाने लगी. आज रसगुल्ला हाउस चलाकर दोनों काफी अमीर बन गए हैं और आज एक रसगुल्ला हाउस के बारे में सभी लोग जानते हैं.