आर्थिक संकट से जूझ रही श्रीलेका अब सामान्य हो रही है लेकिन राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे द्वारा कर दरों और उपयोगिता दरों में वृद्धि का विरोध अब सामने आने लगा है। श्रीलंका के ट्रेड यूनियनों ने कर के विरोध में कल, बुधवार को एक दिन की देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
गौरतलब है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने देश के हालात सुधारने के लिए टैक्स की दरों में बढ़ोतरी की थी, जिसे लेकर ट्रेड यूनियनों ने अपना आदेश वापस लेने की मांग की है. हालांकि, श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अभी तक इस आदेश को वापस नहीं लिया है, जिसके चलते ट्रेड यूनियनों ने कल हड़ताल की घोषणा की है.
श्रीलंका सरकार ने 1 जनवरी से टैक्स बढ़ाना शुरू किया था। जिसके पीछे माना जा रहा था कि IMF के दबाव के चलते टैक्स बढ़ाया गया है.
विक्रमसिंघे ने सोमवार रात से सार्वजनिक परिवहन , माल ढुलाई , बंदरगाहों और हवाईअड्डों से संबंधित सभी कार्यों को कवर करते हुए आवश्यक सेवा आदेश लागू कर दिया ।
टीचर्स ट्रेड यूनियन के सदस्य जोसेफ स्टालिन ने एक बयान में कहा कि हड़ताल की घोषणा के बाद एसेंशियल सर्विसेज गजट जारी किया गया।