अमेरिका में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। दक्षिण कैरोलिना के पूर्व गवर्नर और भारतीय मूल की निक्की हेली के बाद भारतीय मूल के अमेरिकी तकनीकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने भी राष्ट्रपति पद के लिए आवेदन किया है। प्रतिष्ठित अमेरिकी वित्तीय मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) ने भी एक तरह से विवेक रामास्वामी का समर्थन किया है। वाल ने अपने एक पेपर में लिखा था कि अगर वह मंच से वोटिंग के पक्ष में दलील देते हैं तो वह एक मजबूत उम्मीदवार साबित हो सकते हैं। एक तरह से वॉल स्ट्रीट के संपादकीय बोर्ड ने विवेक की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
वॉल स्ट्रीट ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की चुनौतियों का भी हवाला दिया है। इसमें लिखा गया है, ‘व्हाइट हाउस के लिए कैंपेनिंग कुछ के लिए बेकार का प्रोजेक्ट बन गया है. मैरियन विलियमसन और डेनिस कुसिनिच के पास इसे देखने का कोई मौका नहीं है। अगर रामास्वामी को यह चुनाव जीतना है तो उन्हें मतदाताओं को विश्वास दिलाना होगा कि वह आगे हैं। वह देश की सुरक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था तक की जिम्मेदारियों को मजबूती से संभाल सकता है। खासकर उन्हें युवा मतदाताओं की शंकाओं को दूर करना है। अगर युवा वोटर उनका साथ दें तो वह आसानी से चुनाव जीत जाएंगे।
कौन हैं विवेक रामास्वामी?
विवेक रामास्वामी एक बहु-करोड़पति व्यवसायी हैं और अमेरिकी राज्य आयोवा में, वे अपनी उम्मीदवारी को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। रामास्वामी का कहना है कि वह एक विचार-आधारित अभियान शुरू करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बता दें कि विवेक रामास्वामी के पिता जनरल इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे और भारत के केरल से अमेरिका में बस गए थे। रामास्वामी की मां मनोचिकित्सक थीं। रामास्वामी का जन्म अमेरिका के सिनसिनाटी में हुआ था। हार्वर्ड और येल यूनिवर्सिटी से पढ़े विवेक रामास्वामी की संपत्ति करीब 500 मिलियन डॉलर है। विवेक रामास्वामी एक बायोटेक कंपनी के मालिक हैं।
निक्की हेली भी चुनाव लड़ेंगी
इससे पहले साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली भी अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से निक्की हेली अपनी दावेदारी पेश करेंगी। गौरतलब है कि रिपब्लिकन पार्टी से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं. भारतीय मूल की कमला हैरिस फिलहाल अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं। दुनिया के कई देशों में भारतीय मूल के लोगों का दबदबा बढ़ रहा है. ब्रिटेन में भी भारतीय मूल के ऋषि सुनक प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.