Wheat Price: इस समय देश में गेहूं की कीमत में इजाफा हुआ है । इसका असर गेहूं के आटे की कीमत पर भी पड़ता दिख रहा है। आटे के दाम भी बढ़ गए हैं। केंद्र सरकार गेहूं के दाम कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है. हाल ही में केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमत को नियंत्रित करने के लिए 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में लाने की घोषणा की थी. इसके बाद गेहूं के भाव में तेजी नजर आ रही है। ऐसे में सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है। मार्च के अंत तक 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में बिक्री के लिए लाने का निर्णय लिया गया है। इससे गेहूं के भाव में गिरावट आने की संभावना है।
एफसीआई : गेहूं बेचने की जिम्मेदारी भारतीय खाद्य निगम की है
केंद्र सरकार के निर्देशानुसार गेहूं बेचने की पूरी जिम्मेदारी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को सौंपी गई है। एफसीआई देश में थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गेहूं की बिक्री की निगरानी करेगा। एफसीआई की मार्च के अंत तक 25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना है। इसका पूरा खाका केंद्र सरकार ने तैयार कर लिया है।
12.98 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई है
केंद्र सरकार अब तक दो राउंड में गेहूं की नीलामी करा चुकी है। इसमें 12.98 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री हुई है। फिलहाल 11.72 लाख मीट्रिक टन गेहूं बिक्री के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। यह सारा गेहूं मार्च तक बिक जाएगा।
तीसरे दौर की गेहूं नीलामी 22 फरवरी को होगी
केंद्र सरकार 22 फरवरी को तीसरे दौर की गेहूं नीलामी करेगी। देश भर में एफसीआई के 620 गोदामों में गेहूं उपलब्ध होगा। व्यापारी गेहूं खरीदेंगे। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
Wheat Price: गेहूं के भाव में कमी आएगी
केंद्र सरकार के इस फैसले का असर देश में गेहूं और आटे की कीमतों पर देखने को मिल रहा है. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले के चलते गेहूं के भाव में 5 रुपये प्रति किलो की कमी की गई है. इसके और गिरने की संभावना है। घरेलू गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए व्यापारियों, राज्य सरकारों और सहकारी समितियों, संघों, सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा गेहूं का विपणन किया जाएगा।