पिछले छह वर्षों में जहरीली शराब के सेवन से भारत में लगभग सात हजार लोगों की मौत हुई है, जिसमें सबसे अधिक मौतें मध्य प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब में हुई हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से मिली है। बता दें कि बिहार में नकली शराब के सेवन से पिछले दो-तीन दिनों में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि राज्य में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है.
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में देश में मिलावटी शराब के सेवन से 1,054 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 2017 में 1,510, 2018 में 1,365, 2019 में 1,296 और 2020 में 947 लोगों की मौत हुई थी। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में देशभर में नकली शराब के सेवन से जुड़ी 708 घटनाओं में 782 लोगों की मौत हुई. इस अवधि के दौरान, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 137, पंजाब में 127 और मध्य प्रदेश में 108 मौतें दर्ज की गईं।
2016 से 2021 तक डेटा
एनसीआरबी के अनुसार, 2016 से 2021 तक छह साल की अवधि के दौरान भारत में नकली शराब के कारण कुल 6,954 लोगों की मौत हुई। इस तरह देश में प्रतिदिन औसतन तीन से अधिक लोगों की मौत नकली शराब के सेवन से हो रही है. आंकड़ों के अनुसार, 2016 और 2021 के बीच मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 1,322 मौतें हुईं, जबकि इस अवधि के दौरान कर्नाटक में 1,013 और पंजाब में 852 मौतें हुईं।
बसपा सांसद ने लोकसभा में सवाल पूछा
बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली की मिलावटी शराब से मौत पर लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 19 जुलाई 2022 को 2016 से 2020 तक के एनसीआरबी के आंकड़े पेश किए.
किस राज्य में कितनी मौत?
आंकड़ों के मुताबिक, 2016 से 2021 के बीच उत्तर प्रदेश में 425, राजस्थान में 330, झारखंड में 487, हिमाचल प्रदेश में 234, हरियाणा में 489, गुजरात में 54, छत्तीसगढ़ में 535, बिहार में 23, आंध्र प्रदेश में 293 लोगों की मौत हुई। और पश्चिम बंगाल में 24। इस अवधि के दौरान, नकली शराब ने पुडुचेरी में 172 और दिल्ली में 116 लोगों की जान ले ली।