गिरते दामों और बढ़ते तापमान के बिच गेहू की खड़ी फसल…

32607774004 b83890bff4 b

गिरते दामों और बढ़ते तापमान के बिच गेहू की खड़ी फसल…इस रबी में खेतों में गेहूं की लहलहाती फसल देखकर किसानों के चेहरे पर चमक देखते ही बनती है, परन्तु इस महीने में असामान्य रूप से मौसम की बदली करवट से किसान चिंता में पड़ गया है। बढ़ते तापमान से गेहूं समय से पहले पक जाएगा और दाना कमजोर रह जाएगा,पढ़े पूरी खबर!


गिरते दामों और बढ़ते तापमान के बिच गेहू की खड़ी फसल…

old feedsb26cjdlsl5h01chu0abswbtrdhjmhitq

Read Also: ऑफिस में कैरी करना हो, पार्टी में जाना हो या फिर डेट के दौरान कैरी करने के लिए Best है ये क्लच बैग,देखे Collection

बढ़े हुए तापमान से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। एक अध्ययन के मुताबिकतापमान बढऩे पर गेहूं उत्पादन में 1 प्रतिशत से 8 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। अन्य खड़ी फसलों और बागवानी पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को फसल की हल्की सिंचाई करने की सलाह दी है।

इस वर्ष गेहूं के बंपर उत्पादन की उम्मीद जताई गयी है। आंकड़ों के आईने में गेहूं का रकबा गत वर्ष 339.87 लाख हेक्टेयर था, जो कि अब बढक़र 341.13 लाख हेक्टेयर हो गया है और उत्पादन भी सरकारी अनुमान के मुताबिक 11.2 करोड़ टन से भी अधिक के रिकॉर्ड पर पहुंच सकता है। हालाँकि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह के मुताबिक चिंता की कोई बात नहीं है। गेहूं फसल उत्पादन पर 35 डिग्री तक कोई विपरीत असर नहीं होता।

wheat crop thum

गेहूं की फसल पर गर्मी का प्रकोप

अचानक तापमान में बढ़ोतरी से गेहूं किसान चिंतित हो गए हैं। वहीं, सरकार की भी परेशानी बढ़ गई है। किसानों को डर सता रहा है कि कहीं पिछले साल की तरह इस बार भी गर्मी की वजह से रबी की फसल प्रभावित न हो जाए, जबकि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तापमान में वृद्धि इसी तरह जारी रही तो गेहूं की पैदावार में कमी आ सकती है। उसकी क्वालिटी पर भी असर पड़ सकता है। सरकार ने गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। यह कदम राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र के इस अनुमान के बीच आया है कि मप्र को छोडक़र प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में अधिकतम तापमान फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान पिछले सात वर्षों के औसत से अधिक था। यहां तककि मौसम विभाग ने भी गुजरात, जम्मू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान जताया है।

बढ़ते तापमान के असर का अध्ययन करने के लिए सरकार ने बनाया पैनल : सरकार ने उच्च तापमान के प्रभाव की निगरानी के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है, भारत के कृषि आयुक्त समिति के प्रमुख होंगे और देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के अधिकारी और सरकारी वैज्ञानिक भी पैनल में रहेंगे। आईएमडी ने कहा कि बीते सप्ताह कुछ राज्यों में अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया , जो सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस तक अधिक है।

गिरते दामों और बढ़ते तापमान के बिच गेहू की खड़ी फसल…

18 04 2021 wheat crop jammu 21569319

निगरानी के लिए समिति

केन्द्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा ने कहा, गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि से पैदा होने वाली स्थितियों की निगरानी के लिए समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि समिति सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए किसानों को परामर्श जारी करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति में करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान संस्थान के सदस्य और प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि भी होंगे। हालांकि, सचिव ने कहा कि जल्दी बोई जाने वाली किस्मों पर तापमान में वृद्धि का असर नहीं होगा और यहां तक कि गर्मी प्रतिरोधी किस्मों को भी इस बार बड़े क्षेत्रों में बोया गया है। फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन रहने का अनुमान है।