राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू धर्म को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने शास्त्रों और परम्पराओं के पुनरावलोकन की बात कही है। भागवत ने कहा कि हिंदू धर्म विज्ञान के अनुसार चलता है। विज्ञान में अब तक हुए शोधों में कुछ ऐसा शामिल है जो हमारे पूर्वजों ने अब तक किया है। हालाँकि, यह मौखिक परंपरा से आया था। फिर कुछ स्वार्थी लोगों ने थोड़ा-थोड़ा करके शास्त्रों में जोड़ दिया जो बिल्कुल गलत है।
मोहन भागवत ने यह टिप्पणी नागपुर में की..
नागपुर में सरसंघचालक ने कहा कि हिन्दू धर्म जीवन को संतुलित करने वाला धर्म है। हमारा धर्म विज्ञान पर आधारित है। विज्ञान को आगे लाने की आवश्यकता है क्योंकि मनुष्य के लिए विज्ञान के लाभकारी होने के लिए धर्म की आवश्यकता है। हमारी परंपराओं में हमारे पूर्वजों ने हर शोध में कुछ न कुछ किया है। यह मौखिक परंपरा के माध्यम से पारित किया गया है। फिर शास्त्र फलां हो गए और कुछ स्वार्थी लोगों ने शास्त्रों में कुछ ऐसा जोड़ दिया जो बिलकुल गलत है। उन ग्रन्थों, परम्पराओं के ज्ञान की एक बार पुनः समीक्षा करना आवश्यक है। विज्ञान और धर्म ही ऐसे हैं जो समीक्षा के बाद कसौटी पर खरे उतरेंगे। यह सभी के लिए फायदेमंद होगा।