कढ़ाई :वास्तव में, पहले के समय में लोहे की कढ़ाई का चलन था। उस समय बर्तन धोने का कोई उपयुक्त साधन नहीं था, इसलिए मिट्टी या पत्थर से पोंछकर ही धुलाई की जाती थी। ऐसे में स्वच्छता बनाए रखना बहुत मुश्किल था। कई बार कढ़ाई में भी जंग लग जाता है, जिससे कई तरह की बीमारियां भी फेल जाती है।
हमे दादी-नानी कढ़ाई में खाना खाने से क्यों करती है मना,जानिए इसके पीछे का पूरा सच
साथ ही दूसरा कारण यह भी था कि प्राचीन लोग रसोई के बर्तनों का प्रयोग बहुत सख्ती से करते थे। उनका मानना था कि जिस चीज के लिए इसे बनाया जाता है, उसका उसी तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए। खैर, इन्हीं कारणों से हमने शादी में बारिश जैसी बातें फैलाई हैं ताकि लोग डर के मारे सही नियमों का पालन करें और स्वस्थ रहें।
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कभी कढ़ाई में नहीं खाना चाहिए खाना,जानिए क्यों हमें दादी नानी मना करती है कढ़ाई में खाना खाने से
हम सभी ने अपने जीवन में बहुत सी ऐसी बातें सुनी हैं, जिनके पीछे हमें कोई मिथ्या अर्थ नहीं बताया जाता है। एक कहानी है कि पान खाने के बाद शादी में बारिश होती है। सचमुच ऐसा ही होता है। प्राचीन लोगों ने पान खाना खाने से मना क्यों किया? इस वीडियो में हम आपको इस वाक्य के पीछे की पूरी सच्चाई बताएंगे।