Food Poisoning Problem: आजकल के बदले हुए लाइफस्टाइल और काम की भागदौड़ में हम अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसके अलावा लोग हेल्दी खाना खाने के बजाय होटलों में स्वादिष्ट खाना खाना पसंद करते हैं, जिससे सेहत को काफी नुकसान होता है। गर्मी के मौसम में अगर आप बाहर का खाना ज्यादा खाते हैं तो यह आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर सकता है कई बार तेज गर्मी के कारण खाना खराब हो जाता है और होटलों में इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है. ऐसे में आप फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो जाते हैं, इसलिए हम आपको फूड पॉइजनिंग से बचने के कुछ घरेलू उपायों की जानकारी दे रहे हैं।
नींबू का प्रयोग करें
नींबू में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जिनका पानी के साथ इस्तेमाल करने पर शरीर से फूड पॉइजनिंग बैक्टीरिया को जल्दी खत्म किया जा सकता है। आप खाली पेट नींबू पानी पी सकते हैं या गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर पी सकते हैं।
सेब के सिरके का प्रयोग
सेब का सिरका भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। सेब का सिरका शरीर के मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाने में काफी कारगर होता है। खाली पेट इसका सेवन करने से खराब बैक्टीरिया मर जाते हैं और फूड प्वाइजनिंग से राहत मिलती है।
तुलसी के पत्तों का सेवन
तुलसी के पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं। तुलसी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण सूक्ष्मजीवों से लड़ते हैं। भारतीय घरों में आमतौर पर तुलसी का सेवन किया जाता है। आप एक कटोरी दही में तुलसी के पत्ते, काली मिर्च और थोड़ा सा नमक मिला सकते हैं।
दही एक अच्छा एंटीबायोटिक है
दही एक तरह का एंटीबायोटिक है, जिसे आप थोड़े से काले नमक के साथ खा सकते हैं। इसका सेवन करने से पेट को आराम मिलता है और फूड पॉइजनिंग की समस्या जल्दी खत्म हो जाती है। इसके अलावा दही खाने से गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
लहसुन एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है
लहसुन में एंटीफंगल गुण होते हैं, कच्चे लहसुन की कली को सुबह खाली पेट पानी के साथ सेवन किया जा सकता है। इससे भी राहत मिलेगी। सुबह लहसुन की कली को कच्चा खाने से बीपी भी कंट्रोल रहता है और कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी दूर हो जाती है।