देश के प्रमुख समूह जुथ टाटा समूह ने आखिरकार प्रसिद्ध पैकेज्ड वॉटर कंपनी बिसलेरी को खरीदने की अपनी योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की है। टाटा समूह के मुताबिक, उसने बिसलेरी के संभावित अधिग्रहण के लिए बातचीत बंद कर दी है। अगर सौदा हो जाता, तो टाटा समूह एक झटके में पैकेज्ड पानी के क्षेत्र में अग्रणी बन जाता।
इससे पहले खबर आई थी कि बिसलेरी इंटरनेशनल और टाटा ग्रुप के बीच बातचीत चल रही है और यह डील 500 करोड़ रुपये की है। 6,000 से 7,000 करोड़। लेकिन हालिया मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वैल्यूएशन को लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत रुकी हुई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बिसलेरी के मालिक सौदे के लिए 1 अरब डॉलर की मांग कर रहे थे।
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि उसने संभावित लेनदेन के लिए बिसलेरी के साथ बातचीत समाप्त कर दी है। कंपनी ने इस संबंध में कोई समझौता या बाध्यकारी प्रतिबद्धता नहीं की है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के पास हिमालयन नेचुरल मिनरल वाटर और टाटा वाटर प्लस ब्रांड हैं। बिसलेरी को खरीदने से उसके पैकेज्ड वॉटर ब्रांड्स का पोर्टफोलियो मजबूत होता। कंपनी एफएमसीजी में तेजी से अपने कारोबार का विस्तार कर रही है और इस क्षेत्र में शीर्ष तीन में शामिल होने का लक्ष्य रखती है। वहीं दूसरी तरफ मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज भी एफएमसीजी सेक्टर में आक्रामक तरीके से अपना कारोबार बढ़ा रही है।
रमेश चौहान ने क्या कहा?
बिसलेरी को खरीदने से टाटा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर सेगमेंट में लीडर बन जाता। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनोन ने भी दिलचस्पी दिखाई है। बिसलेरी की टाटा से बातचीत दो साल से चल रही थी। नवंबर में बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान ने कहा कि उन्होंने अपनी कंपनी टाटा को बेचने का मन बना लिया है। उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा से मुलाकात के बाद यह बात कही।
चौहान ने कंपनी के दिन-प्रतिदिन के संचालन का जिम्मा एक पेशेवर टीम को सौंपा है। एंजेलो जॉर्ज कंपनी के सीईओ हैं। कंपनी को वित्त वर्ष 2023 में 2,500 करोड़ रुपये का कारोबार और 220 करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद है। बिसलेरी को एक इतालवी ब्रांड के रूप में स्थापित किया गया था। कंपनी ने 1965 में भारत में कारोबार शुरू किया था। चौहान ने इसे 1969 में खरीदा था। कंपनी के 122 ऑपरेशनल प्लांट हैं। भारत और पड़ोसी देशों में इसके 4,500 वितरक और लगभग 5,000 ट्रक हैं। चौहान ने 1993 में अपने शीतल पेय ब्रांड थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिम्का कोका-कोला को बेच दिया।